एनसीपी नेता एकनाथ खडसे के दामाद गिरफ्तार, पीएमएलए अदालत ने ईडी की हिरासत में भेजा
NCP leader Eknath Khadse Son In Law Arrested प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पुणे में 2016 में जमीन खरीदने में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता एकनाथ खडसे (Eknath Khadse) के दामाद गिरीश चौधरी को गिरफ्तार किया है. मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मंगलवार के दिन तकरीबन तेरह घंटे तक कड़ी पूछताछ के बाद गिरीश चौधरी को रात में गिरफ्तार किया गया. न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, गिरीश चौधरी को विशेष पीएमएलए अदालत ने 12 जुलाई तक ईडी की हिरासत में भेज दिया.
NCP leader Eknath Khadse Son In Law Arrested प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पुणे में 2016 में जमीन खरीदने में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता एकनाथ खडसे (Eknath Khadse) के दामाद गिरीश चौधरी को गिरफ्तार किया है. मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मंगलवार के दिन तकरीबन तेरह घंटे तक कड़ी पूछताछ के बाद गिरीश चौधरी को रात में गिरफ्तार किया गया. न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, गिरीश चौधरी को विशेष पीएमएलए अदालत ने 12 जुलाई तक ईडी की हिरासत में भेज दिया.
एनसीपी नेता एकनाथ खडसे ने इसी भूमि सौदे के संबंध में आरोपों का सामना करने के बाद 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई वाले महाराष्ट्र मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था. अधिकारियों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि गिरीश चौधरी को मंगलवार की रात को गिरफ्तार किया गया और उनसे दक्षिण मुंबई में केंद्रीय जांच एजेंसी के कार्यालय में इस मामले में काफी देर तक पूछताछ की गई.
NCP leader Eknath Khadse's son-in-law Girish Choudhary remanded to ED custody till July 12 by special PMLA court in the Pune land deal case.
— ANI (@ANI) July 7, 2021
बताया जा रहा है कि एनसीपी नेता एकनाथ खडसे के दामाद गिरीश चौधरी पूछताछ के दौरान सहयोग नहीं कर रहे थे. बता दे कि पिछले साल महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में शामिल होने के लिए 68 वर्षीय एकनाथ खडसे ने भाजपा छोड़ दी थी. ईडी ने इस साल की शुरुआत में मामले में उनसे पूछताछ की थी. ऐसा आरोप है कि उन्होंने पुणे के भोसारी इलाके में अपने परिवार को महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (MIDC) की सरकारी जमीन खरीदने में मदद के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया. उन्होंने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि महाराष्ट्र के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के साथ ही आयकर विभाग ने उन्हें मामले में क्लीन चिट दे दी थी.