मुंबई : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के सुप्रीमो शरद पवार ने हड़ताली कर्मचारियों के बहाने कश्मीर पंडितों के उत्पीड़न और 1990 के दशक में हुए नरसंहार को लेकर बनाई गई फिल्म ‘द कश्मीर फाइल’ फाइल पर तंज कसा है. महाराष्ट्र के अमरावती में आयोजित एक रैली को संबोधित रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने रविवार को कहा कि एक शख्स ने हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को दिखाते हुए फिल्म (द कश्मीर फाइल्स) बनाई. यह दर्शाता है कि बहुसंख्यक हमेशा अल्पसंख्यक पर हमला करते हैं और जब वह बहुमत मुस्लिम होता है, तो हिंदू समुदाय असुरक्षित हो जाता है.
मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने मुंबई स्थित अपने आवास के बाहर आयोजित विरोध-प्रदर्शन का हवाला देते हुए कहा कि महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) के हड़ताली कर्मचारियों के मुद्दों को सुलझाने की कोशिश कर रही है, लेकिन कुछ लोगों द्वारा उन्हें गुमराह किया जा रहा है और उकसाया जा रहा है.
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, इस दौरान उन्होंने हालिया रिलीज द कश्मीर फाइल्स फिल्म पर तंज कसते हुए कहा कि एक शख्स ने हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को दिखाते हुए फ़िल्म (द कश्मीर फाइल्स) बनाई. यह दर्शाता है कि बहुसंख्यक हमेशा अल्पसंख्यक पर हमला करते हैं और जब वह बहुमत मुस्लिम होता है, तो हिंदू समुदाय असुरक्षित हो जाता है.
पूर्वी महाराष्ट्र के अमरावती में कार्यकर्ताओं की एक रैली को संबोधित करते हुए पवार ने यह भी कहा कि जो लोग एमवीए सरकार से सत्ता छीनने के लिए बेताब हैं, वे केंद्र की शक्ति का दुरुपयोग करके राज्य सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार राज्य परिवहन के कर्मचारियों के मुद्दों को हल करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है, लेकिन उनका नेतृत्व गलत हाथों में चला गया है. कुछ लोग राज्य परिवहन कर्मियों को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं. मेरे घर (मुंबई में) जो हुआ वह कोई संकट नहीं है, इसे कोई महत्व नहीं दिया जाना चाहिए.
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बताते चलें कि एमएसआरटीसी हड़ताली कर्मचारियों के एक ग्रुप ने शुक्रवार दोपहर दक्षिण मुंबई के पेडर रोड स्थित पवार के बंगले ‘सिल्वर ओक’ के बाहर अचानक उग्र विरोध प्रदर्शन किया था, जब वह घर पर थे. हड़ताली कर्मचारियों ने शरद पवार पर उनकी मदद के लिए कुछ नहीं करने का आरोप लगाया था. पवार ने कहा कि पिछले दो दिनों की घटनाओं से संकेत मिलता है कि राज्य परिवहन कर्मचारियों को कुछ लोगों ने उकसाया और गुमराह किया. राजनीतिक जीवन में एक व्यक्ति को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जबकि उनमें से कुछ प्रायोजित होते हैं और कुछ स्थितिजन्य होते हैं.