Loading election data...

लाउडस्पीकर विवाद में कभी भी गिरफ्तार किए जा सकते हैं राज ठाकरे, जारी किया गया गैर जमानती वारंट

शिराला मजिस्ट्रेट कोर्ट ने राज ठाकरे के खिलाफ 2008 के एक मामले को लेकर आईपीसी की धारा 143, 109, 117, 7 और बॉम्बे पुलिस अधिनियम के 135 के तहत गैर-जमानती वारंट जारी किया था. यह वॉरेंट बीते महीने 6 तारीख को ही जारी किया गया था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 3, 2022 12:28 PM
an image

मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने को लेकर महाराष्ट्र सरकार को अल्टीमेटम देने वाले मनसे प्रमुख राज ठाकरे मुसीबत में घिरते नजर आ रहे हैं. उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. बता दें, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे के खिलाफ शिराला की मजिस्ट्रेट कोर्ट ने गैर-जमानती वारंट जारी किया था. यह वॉरेंट बीते महीने 6 तारीख को ही जारी किया गया था.

इन मामलों के तहत जारी हुआ वारंट
शिराला मजिस्ट्रेट कोर्ट ने राज ठाकरे के खिलाफ 2008 के एक मामले को लेकर आईपीसी की धारा 143, 109, 117, 7 और बॉम्बे पुलिस अधिनियम के 135 के तहत गैर-जमानती वारंट जारी किया था. लेकिन वारंट के बाद भी राज ठाकरे की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है. वहीं, कोर्ट ने पुलिस से पूछा है कि वारंट जारी होने के बाद भी राज ठाकरे को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया.

क्या था मामला
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो, राज ठाकरे की गिरफ्तारी के विरोध में साल 2008 में मनसे कार्यकर्ताओं ने परली में राज्य परिवहन महामंडल की बसों पर पत्थरबाजी की थी. बता दें, रेलवे में प्रांतीय युवाओं की भर्ती मामले को लेकर राज ठाकरे ने प्रदर्शन किया था जिसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. इसी के विरोध में कार्यकर्ताओं ने पत्थरबाजी की घटना को अंजाम दिया था.

राज ठाकरे की अपील
इधर, इस मामले से इतर राज ठाकरे ने मनसे कार्यकर्ताओं से आज यानी मंगलवार को अक्षय तृतीया पर प्रस्तावित महाआरती नहीं करने को कहा है. उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज को इसी दिन पड़ रही ईद बिना अड़चन के मनाने देनी चाहिए. राज ने कहा कि वह मस्जिदों पर लाउडस्पीकर का जो मुद्दा उठा रहे हैं, वह सामाजिक विषय है, धार्मिक प्रवृत्ति का नहीं है.

Posted by: Pritish Sahay

Exit mobile version