‘ओमिक्रॉन’ से महाराष्ट्र में हड़कंप! कोरोना के नये वैरिएंट की पहचान में जानें क्यों हो रही है देरी
Omicron Variant in Maharashtra : संक्रमित लोगों में नाइजीरिया से आई महिला और उसकी दो बेटियां शामिल हैं जो नजदीकी पिंपरी-चिंचवड इलाके में अपने भाई के पास आईं हैं.
‘ओमिक्रॉन’ ने महाराष्ट्र में दस्तक दे दी है जिससे सूबे के लोग परेशान हो गये हैं. इस खबर ने प्रदेश सरकार की भी चिंता बढ़ा दी है. जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र के पुणे जिले में सात लोगों के कोरोना वायरस के नये वैरिएंट ‘ओमिक्रॉन’ से संक्रमित होने की पुष्टि हो चुकी है. इस संबंध में एक स्वास्थ्य अधिकारी ने जानकारी दी है. अधिकारी की मानें तो संक्रमित लोगों में नाइजीरिया से आई महिला और उसकी दो बेटियां शामिल हैं जो नजदीकी पिंपरी-चिंचवड इलाके में अपने भाई के पास आईं हैं.
महाराष्ट्र में अबतक आठ लोगों के ‘ओमिक्रॉन’ से संक्रमित
स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि महिला के भाई और उसकी दो बेटियों को भी संक्रमण ने अपनी चपेट में ले लिया है. वहीं, पिछले महीने के आखिरी सप्ताह फिनलैंड से पुणे लौटे एक अन्य व्यक्ति के भी ‘ओमिक्रॉन’ से संक्रमित होने की पुष्टि होने की बात कही जा रही है. इसके साथ ही महाराष्ट्र में अबतक आठ लोगों के ‘ओमिक्रॉन’ से संक्रमित होने की पुष्टि हो चुकी है. इससे पहले ठाणे जिले में एक व्यक्ति कोरोना के नये वैरिएंट से संक्रमित पाया गया था.
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क्यों बढ़ी महाराष्ट्र की टेंशन
इस बीच मीडिया में एक ऐसी खबर चल रही है जिसने चिंता को और बढ़ा दिया है. दरअसल खबर ये है कि महाराष्ट्र में कोरोना के नये वैरिएंट ‘ओमिक्रॉन’ की पुष्टि के लिए एस-जीन जांच की बहुत कमी है. पूरे प्रदेश में केवल दो जिलों पुणे व मुंबई में ही यह जांच किट होने की बात कही जा रही है. राज्य सरकार ने सभी जिलों को एस-जीन किट की खरीदने के लिए पत्र लिखा है. सूबे के अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रदीप व्यास ने पिछले दिनों इसको लेकर सभी जिलों को एक पत्र जारी किया है जिसमें ‘ओमिक्रॉन’ का पता लगाने के लिए एस-जीन टेस्ट की बात कही गई है. इस टेस्ट के माध्यम से वायरस का आसानी से पता लगाया जा सके.
जांच किट की कमी
मीडिया में चल रही खबर के अनुसार महाराष्ट्र के 36 जिलों में सिर्फ दो जिलों-पुणे और मुंबई में एस-जीन की जांच के लिए किट वर्तमान में उपलब्ध है. बृहन्मुंबई नगर निगम ने एसजीएफटी परीक्षण के लिए करीब 1200 किट की खरीदने का काम किया है. राज्य के एक स्वास्थ्य अधिकारी की मानें तो जांच किट की इतनी कमी है कि रिपोर्ट आने में देर हो रही है. प्रदेश में अभी 22 लोग ऐसे हैं जो जीनोम सिक्वेंसिंग रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं.
Posted By : Amitabh Kumar