Maharashtra Politics : महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने शनिवार को दावा किया कि आने वाले हफ्तों में ‘मुख्य कुर्सी’ समेत राज्य सरकार में बड़े बदलाव होंगे. हालांकि, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने इससे इंकार करते हुए कहा कि एकनाथ शिंदे अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने रहेंगे. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और राकांपा का अजित पवार के नेतृत्व वाला धड़ा महाराष्ट्र सरकार में घटक हैं. शरद पवार द्वारा स्थापित राकांपा से अलग होकर पिछले महीने अजित पवार एकनाथ शिंदे नीत सरकार में शामिल हो गए थे.
वडेट्टीवार ने यहां संवाददाताओं से कहा कि महाराष्ट्र में आने वाले सप्ताहों में राज्य सरकार में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वडेट्टीवार ने कहा, ‘मुख्य कुर्सी पर भी बदलाव होगा. मैं यह नहीं कह रहा हूं कि सरकार बदलेगी, बल्कि सितंबर में मुख्य कुर्सी पर बदलाव होगा.’ पिछले महीने सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल होने के बाद अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली, जबकि उनके समर्थक आठ विधायकों ने मंत्री के रूप में शपथ ली थी.
भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस भी उपमुख्यमंत्री हैं. जून, 2022 में शिंदे द्वारा बगावत किए जाने और शिवसेना में विभाजन के बाद उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली महा विकास आघाड़ी सरकार गिर गई थी. इसके बाद शिंदे भाजपा के साथ हाथ मिलाकर मुख्यमंत्री पद पर आसीन हुए थे. इस बीच, बावनकुले ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि शीर्ष पद पर कोई बदलाव नहीं होगा. उन्होंने कहा, ‘‘अगले विधानसभा चुनाव तक शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने रहेंगे. हमारे शीर्ष नेताओं ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि शिंदे मुख्यमंत्री बने रहेंगे.’’
शिवसेना (यूबीटी) ने शनिवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र का उपमुख्यमंत्री बनने के बाद से असहिष्णु और अहंकारी हो गए हैं. फडणवीस पूर्व में राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. शिवसेना (यूबीटी) ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में प्रकाशित संपादकीय में दावा किया कि फडणवीस पहले सहिष्णु व्यक्ति थे, लेकिन उपमुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद हताशा में वह असहिष्णु और अहंकारी बन गए हैं.
सत्तारूढ़ भाजपा ने मराठी दैनिक के संपादकीय में फडणवीस के खिलाफ इस्तेमाल भाषा पर भी आपत्ति जताई है. ‘सामना’ के संपादक शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे हैं, जबकि कार्यकारी संपादक के पद पर पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय राउत हैं. भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि अपने राजनीतिक विरोधियों की आलोचना करते समय मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए. उन्होंने ‘सामना’के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने की चेतावनी देते हुए कहा कि इसके द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले ‘अपशब्दों’पर रोक लगाने की जरूरत है.
महाराष्ट्र में 2014 से 2019 तक भाजपा-शिवसेना गठबंधन की सरकार थी और फडणवीस तब मुख्यमंत्री थे. साल 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद साझा करने को लेकर दोनों पार्टियां अलग हो गईं. ठाकरे ने बाद में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस के साथ मिलकर महा विकास आघाडी (एमवीए) की सरकार बनाई. एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के 40 विधायकों के बगावत करने के बाद जून 2022 में एमवीए सरकार गिर गई थी. इसके बाद शिंदे राज्य के मुख्यमंत्री बने, जबकि फडणवीस को उप मुख्यमंत्री बनाया गया.
पिछले महीने राकांपा के वरिष्ठ नेता अजित पवार अपनी पार्टी के अन्य विधायकों के साथ शिंदे नीत सरकार में शामिल हुए. पवार को भी शिंदे नीत सरकार में उपमुख्यमंत्री बनाया गया. ‘सामना’ ने अपने संपादकीय में लिखा, ‘‘देवेंद्र फडणवीस ने अगर शिवसेना के साथ विश्वासघात नहीं किया होता, तो वह (2019 के विधानसभा चुनाव के बाद) सत्ता में लौटते. हालांकि, दिल्ली में उनकी पार्टी के शीर्ष नेताओं ने उन्हें दरकिनार कर दिया और उन्हें उप मुख्यमंत्री बना दिया.’’
संपादकीय में लिखा गया है, ‘‘फडणवीस पहले सहिष्णु थे, लेकिन उप मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद हताशा में असहिष्णु और अहंकारी बन गए हैं…उन्होंने (भाजपा ने) उन्हें अजित पवार के साथ उपमुख्यमंत्री पद साझा करने को कहा, जिससे उनका दुख और बढ़ गया.’’ शिवसेना (यूबीटी) ने कहा, ‘‘ यह फडणवीस थे, जिन्होंने कभी कहा था कि वह अजित पवार को जेल भेजेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें सश्रम कारावास की सजा मिले. लेकिन अब उन्हीं अजित पवार के साथ सत्ता साझा करके फडणवीस वास्तव में क्या कर रहे हैं?
सोर्स : भाषा इनपुट