ज्योतिर्लिंग पर सियासत, असम सरकार के विज्ञापन के बाद महाराष्ट्र में राजनीतिक घमासान
पुणे जिले का भीमाशंकर मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में छठा ज्योतिर्लिंग माना जाता है. अब असम सरकार के पर्यटन विभाग की ओर से जारी एक विज्ञापन में दावा किया गया है कि भीमाशंकर मंदिर असम में डाकिनी पहाड़ी, कामरूप में है. महाराष्ट्र के उद्धाव सेना ने विज्ञापन को लेकर सवाल उठाया है.
असम सरकार के पर्यटन विभाग का एक विज्ञापन चल रहे विवाद के केंद्र में है क्योंकि विज्ञापन में दावा किया गया है कि असम का कामरूप भारत के छठे ज्योतिर्लिंग का स्थान है. दरअसल, पुणे जिले का भीमाशंकर मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में छठा ज्योतिर्लिंग माना जाता है. अब असम सरकार के पर्यटन विभाग की ओर से जारी एक विज्ञापन में दावा किया गया है कि भीमाशंकर मंदिर असम में डाकिनी पहाड़ी, कामरूप में है. यह विज्ञापन असम सरकार द्वारा मंगलवार को जारी किया गया था. असम राज्य द्वारा किए गए इस दावे को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. असम के पर्यटन विभाग की इस घोषणा के बाद अब राज्य सरकार की तीखी आलोचना की जा रही है.
सुप्रिया सुले ने क्या कहा?
एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने भी ज्योतिर्लिंग विवाद को लेकर असम सरकार की आलोचना करते हुए बीजेपी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, “क्या बीजेपी ने महाराष्ट्र के हिस्से के लिए कुछ भी नहीं रखने का फैसला किया है? पहले महाराष्ट्र के हिस्से के उद्योग और रोजगार चोरी हुए और अब हमारी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत की चोरी होने वाली है.असम में बीजेपी सरकार जो कर रही है वह बिल्कुल अस्वीकार्य है और उसका कोई आधार नहीं है.”
भाजपाच्या नेत्यांनी महाराष्ट्राच्या वाट्याला काहीही ठेवायचं नाही असं ठरवलंय काय? अगोदर महाराष्ट्राच्या वाट्याचे उद्योग आणि रोजगार पळविले आणि आता चक्क आमचा सांस्कृतिक व अध्यात्मिक वारसा पळविण्याचा घाट घातलाय….! pic.twitter.com/0hsHvm8sqO
— Supriya Sule (@supriya_sule) February 14, 2023
कांग्रेस महासचिव सचिन सावंत ने किया ट्वीट
कांग्रेस के महासचिव सचिन सावंत ने ट्वीट किया, “उद्योगों को छोड़ दें तो बीजेपी अब महाराष्ट्र से भगवान शिव को भी छीनना चाहती है. अब, बीजेपी असम सरकार का दावा है कि भीमाशंकर का छठा ज्योतिर्लिंग असम में स्थित है न कि महाराष्ट्र के पुणे जिले में. हम इस बेतुके दावे की कड़ी निंदा करते हैं.” साथ ही सावंत ने मांग की कि महाराष्ट्र सरकार को अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए और बीजेपी सरकार की इस कार्रवाई की निंदा करनी चाहिए, जिसने महाराष्ट्र के 12 करोड़ लोगों की भावनाओं और भावनाओं को ठेस पहुंचाई है. उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र के खिलाफ बीजेपी की नाराजगी एक बार फिर नजर आ रही है.”
असम सरकार के दावे पर क्या बोले आदित्य ठाकरे?
महाराष्ट्र के पूर्व कैबिनेट मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा, “कई लोगों ने इसको लेकर चिंता जताई है. जिस तरह से महाराष्ट्र की महत्वपूर्ण परियोजनाओं को छीन लिया गया है, उसी तरह मंदिरों को भी दूसरे राज्यों में ले जाया जा रहा है? हम हर राज्य के अलग-अलग मंदिरों में जाते हैं. हम सभी के मन में पूजा स्थलों के प्रति सम्मान और आस्था है.”
असम सरकार के विज्ञापन में क्या है?
महाशिवरात्रि के अवसर पर असम सरकार के पर्यटन विभाग की ओर से 14 फरवरी को विभिन्न समाचार पत्रों में एक विज्ञापन प्रकाशित किया गया था. विज्ञापन में लिखा है, ‘भारत के छठे ज्योतिर्लिंग स्थल डाकिनी पर्वत, कामरूप में आपका स्वागत है’. इसी विज्ञापन में विभिन्न ज्योतिर्लिंग स्थलों की सूची भी दी गई है. विज्ञापन में ‘डाकिनी’ में भीमाशंकर के रूप में एक स्थान का उल्लेख है. इसके अलावा विज्ञापन में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा की तस्वीर भी है.