पीएम मोदी ने किया सबसे लंबे समुद्री पुल अटल सेतु का निरीक्षण, जानिए क्या है खासियत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21.8 किलोमीटर लंबे अटल बिहारी वाजपेयी सेवारी-न्हावा शेवा अटल सेतु समुद्री लिंक का उद्घाटन किया. अटल सेतु का निर्माण 17,840 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया गया है. पीएम मोदी ने दिसंबर 2016 में इस पुल की आधारशिला रखी थी.

By Pritish Sahay | January 12, 2024 7:19 PM

महाराष्ट्रः पीएम नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र में अटल बिहारी वाजपेयी सेवारी-न्हावा शेवा अटल सेतु का निरीक्षण किया. इससे पहले उन्होंने पुल का उद्घाटन किया था. अटल सेतु भारत का सबसे लंबा पुल है और देश का सबसे लंबा समुद्री पुल भी है. यह मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे और नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को तेज़ कनेक्टिविटी प्रदान करेगा और मुंबई से पुणे, गोवा और दक्षिण भारत की यात्रा के समय को भी कम करेगा. इससे पहले पीएम मोदी ने 21.8 किलोमीटर लंबे अटल बिहारी वाजपेयी सेवारी-न्हावा शेवा अटल सेतु समुद्री लिंक का उद्घाटन किया था. यह भारत का सबसे लंबा समुद्री पुल है. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अटल सेतु प्रदर्शनी का भी दौरा किया. बता दें, मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक का नाम बदलकर अब ‘अटल बिहारी वाजपेयी सेवारी-न्हावा शेवा अटल सेतु’ रखा गया है. पीएम मोदी ने साल 2016 में इस पुल का शिलान्यास किया था. बता दें, अटल सेतु को 17,840 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से बनाया गया है. यह पुल करीब 21.8 किमी लंबा है. यह 6 लेन वाला पुल है.

हमें दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनना है- पीएम मोदी
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि  भारत के युवा योग और आयुर्वेद के ब्रांड एंबेसडर बन रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमें दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना है. दुनिया आज भारत को ऐसे देश के तौर पर देखती है जहां कुशल श्रम शक्ति है. पीएम मोदी ने कहा कि भारत में मोबाइल डाटा सबसे कम दाम पर मिलता है इससे पूरी दुनिया आश्चर्यचकित है.

बेहद अहम है अटल सेतु
अटल सेतु का निर्माण 17,840 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया गया है. पीएम मोदी ने दिसंबर 2016 में इस पुल की आधारशिला रखी थी. यह भारत का सबसे लंबा पुल होने के साथ-साथ देश का सबसे लंबा समुद्री पुल भी है. यह करीब 21.8 किलोमीटर लंबा और छह लेन वाला पुल है. इसकी लंबाई समुद्र के ऊपर लगभग 16.5 किलोमीटर और जमीन पर लगभग 5.5 किलोमीटर है. यह मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के बीच सीधा संपर्क स्थापित करेगा और मुंबई से पुणे, गोवा और दक्षिण भारत की यात्रा के समय को भी कम करेगा. इससे मुंबई बंदरगाह और जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह के बीच संपर्क में भी सुधार होगा.


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