नोएडा के सुपरटेक ट्विन टावर के तर्ज पर पुणे का चांदनी चौक पुल देर रात ढाह गिराया गया. दरअसल, पुणे के चांदनी चौक इलाके में 90 के दशक में पुल का निर्माण कराया गया था, जहां सुबह और शाम भारी जाम की समस्या बनी रहती थी. चांदनी चौक में यातायात की स्थिती में सुधार को लेकर यह कदम उठाया गया है. हालांकि, पुल की जगह अब फ्लाईओवर बनाया जाएगा.
#WATCH | Maharashtra: Rubble of demolished Pune's Chandni Chowk bridge laid bare along with a cloud of dust after the demolition
(Source: District Information Office Pune) pic.twitter.com/EwfQwwAm52
— ANI (@ANI) October 1, 2022
चांदनी चौक पुल गिराने का जिम्मा एडिफिस कंपनी को दिया गया था. इस कंपनी ने बीते दिनों नोएडा के सुपरटेक ट्विन टावर को गिरया था. कंपनी के सह मालिक चिराग छेडा ने बताया कि पुल को योजना के तहत विस्फोट कर गिराया गया है. इसके बाद मलबा हटाने का कार्य किया जा रहा है. उन्होंने कहा, विस्फोट के कारण चांदनी चौक इलाके में वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है, जिसे मलबा हटाए जाने के बाद फिर से शुरू किया जाएगा.
चांदनी चौक पुल मुंबई- बंगलौर राजमार्ग पर स्थित है. एक अधिकारी ने बताया कि पुल गिराया जाना महत्वपूर्ण योजना का हिस्सा है. इससे लोगों को जाम से छूटकारा मिलेगा और यातायात में सुधार होगा. उन्होंने कहा कि इस योजना के द्वारा पुल की जगह एक फ्लाईओवर भी बनाया जाएगा, जिसका जिम्मा एनएचएआई को सौंपा गया है. वहीं, पुल गिराए जाने को लेकर लोगों में काफी उत्सुकता देखी गई.
पुल का पुरा हिस्सा नहीं गिराए जाने के सवाल पर एडिफिस कंपनी के अधिकारी ने बताया कि, अभी केवल कंक्रीट को हटाया गया है और अब केवल इस्पात की छड़ बची है. उन्होंने कहा कि जल्द ही इस्पात की छोड़ों को हटाया जाएगा, जिससे पूरा ढांचा गिर जाएगा. अधिकारियों की माने तो 90 के दशक में बना पुल काफी मजबूत था, और इसमें इस्तेमाल किए जाने वाले इस्पात की मात्रा भी काफी बेहतर थी.
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी शुक्रवार को चांदनी चौक पुल का हवाई निरिक्षण किया था. वहीं, जिला प्रशासन के अनुसार, मलबे को हटाने के लिए भारी संख्या में श्रमिकों को लगाया गया है. ताकि जल्द से जल्द यातायात बहाल किया जा सके. बता दें कि जिला प्रशासन ने चांदनी चौक के आसपास धारा 144 लगाया है, ताकि लोगों को नियंत्रित किया जा सके. वहीं, पुल को गिराने के लिए 600 किलोग्राम विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था.
(भाषा- इनपुट)