रेलवे के लोको पायलट ने जान जोखिम में डालकर यात्रियों की बचाई जान, चेन पुलिंग के चलते पुल पर रुकी थी ट्रेन
रेल मंत्रालय ने मुंबई से करीब 80 किलोमीटर दूर टिटवाला और खड़ावली स्टेशन के बीच खड़ी एक ट्रेन का वीडियो सोशल मीडिया पर ट्वीट किया और यात्रियों से ट्रेनों में बेवजह चेन पुलिंग नहीं करने की अपील की है.
मुंबई : ट्रेन पर सफर के दौरान बेवजह चेन पुलिंग (अलार्म चेन खींचने) कर देने की वजह से रेलवे को नुकसान होने के साथ ही यात्रियों की परेशानी भी बढ़ जाती है. शरारती तत्व अक्सर बिना स्टॉपेज वाली जगह पर गाड़ी को रोकने के लिए चेन पुलिंग कर देते हैं. इससे अक्सर ट्रेन सुनसान वाली जगह पर रुक जाती है. खबर है कि किसी शरारती तत्व ने मुंबई से छपरा जाने वाली गोदान एक्सप्रेस की चेन पुलिंग कर दी, जिसकी वजह से ट्रेन मुंबई से 80 किलोमीटर दूर एक नदी के पुल पर रुक गई. मध्य रेलवे के एक वरिष्ठ सहायक लोको पायलट ने जान जोखिम में डालकर ट्रेन को दोबारा चालू किया. अब उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. सोशल मीडिया पर यूजर्स उनकी जमकर तारीफ कर रहे हैं.
रेल मंत्रालय ने ट्वीट किया वीडियो
मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, घटना गुरुवार की है, जब गोदान एक्सप्रेस मुंबई से छपरा के लिए रवाना हुई थी. रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, रेल मंत्रालय ने मुंबई से करीब 80 किलोमीटर दूर टिटवाला और खड़ावली स्टेशन के बीच खड़ी एक ट्रेन का वीडियो सोशल मीडिया पर ट्वीट किया और यात्रियों से ट्रेनों में बेवजह चेन पुलिंग नहीं करने की अपील की है.
Pulling the Alarm Chain for no reason can cause trouble to many!
Satish Kumar, Asst. Loco Pilot of CR,took the risk of resetting Alarm Chain of Godan Express,halted over the River Bridge between Titwala & Khadavli Station.
Pull the chain of a train only in case of an emergency. pic.twitter.com/I1Jhm9MESh
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) May 6, 2022
कालू नदी पर रुकी थी ट्रेन
सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में वरिष्ठ सहायक लोको पायलट सतीश कुमार को नदी पर बने पुल पर फंसी हुई छपरा जाने वाली गोदान एक्सप्रेस के नीचे जाकर ट्रेन की तकनीकी खामी दूर करते दिखाई दे रहे हैं. सेंट्रल रेलवे के मुख्य प्रवक्ता शिवाजी सुतार ने कहा कि कुछ शरारती तत्वों ने मुंबई से छपरा जा रही गोदान एक्सप्रेस की अलार्म चेन खींच दी. इसकी वजह से टिटवाला और खडावली के बीच कालू नदी पुल पर ट्रेन रुक गई थी.
अब बेंगलुरू में बनेंगे वंदे भारत रेलगाड़ी के पहिये
उधर, खबर यह भी है कि यूक्रेन-रूस युद्ध के कारण यूक्रेन से वंदे भारत रेलगाड़ी के पहिये का आयात प्रभावित होने के बाद रेलवे ने अब इन्हें बेंगलुरु में बनाने का फैसला किया है. सूत्रों के अनुसार, वंदे भारत रेलगाड़ी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पसंदीदा योजना है और रेलवे इसे तय कार्यक्रम के अनुसार आगे बढ़ाना चाहता है. सूत्रों ने कहा कि 128 पहियों की पहली खेप यूक्रेन से उसके पड़ोसी देश रोमानिया में सड़क मार्ग से पहुंचाई गई है और इस समय वहीं अटकी हुई है.
भारत ने 1.6 करोड़ डॉलर का दिया है ऑर्डर
उन्होंने कहा कि इस खेप को मई के तीसरे सप्ताह तक हवाई जहाज के जरिए भारत लाने की उम्मीद है. भारत की ओर से यूक्रेन को कुल 1.6 करोड़ अमेरिकी डॉलर में 36,000 पहियों का ऑर्डर दिया गया है. यूक्रेन में युद्ध के कारण विनिर्माण प्रभावित होने से अब बेंगलुरु के यलहंका स्थित रेलवे व्हील फैक्ट्री में दो वंदे भारत रेक के पहिये बनाए जाएंगे. वंदे भारत एक्सप्रेस के एक रेक में 16 डिब्बे होते हैं.