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राम मंदिर भूमि पूजन हो गया, फिर भी यूपी में जंगलराज : शिवसेना, पार्टी नेता ने लगाया पीड़िता के परिजनों को बंधक बनाने का आरोप

मुंबई : हाथरस की घटना को लेकर शिवसेना ने शनिवार को उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन हो चुका है, फिर भी प्रदेश में 'जंगल राज' है. महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ दल शिवसेना ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिख कर पीड़िता के परिवार के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) कर्मियों द्वारा सुरक्षा मुहैया कराये जाने की भी मांग की.

मुंबई : हाथरस की घटना को लेकर शिवसेना ने शनिवार को उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन हो चुका है, फिर भी प्रदेश में ‘जंगल राज’ है. महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ दल शिवसेना ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिख कर पीड़िता के परिवार के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) कर्मियों द्वारा सुरक्षा मुहैया कराये जाने की भी मांग की.

पार्टी के एक नेता ने आरोप लगाया कि पीड़िता के परिवार को बंधक बना कर रखा गया है और अधिकारियों द्वारा धमकी दी जा रही है. उन्हें खुल कर बोलने और कहीं आने-जाने की अनुमति नहीं दी जा रही. शिवसेना ने आरोप लगाया कि हाल ही में उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार की घटनाएं उस राज्य के साथ-साथ केंद्र सरकार की नाकामी को भी दर्शाती हैं.

पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में शिवसेना ने कहा, ”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर की नींव रखी. लेकिन, उत्तर प्रदेश में कोई ‘राम राज्य’ नहीं है. कानून-व्यवस्था की स्थिति के मामले में यूपी में ‘जंगल राज’ है.” पार्टी ने कहा, ”राज्य में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार हो रहे हैं और युवतियों से बलात्कार और हत्या की घटनाएं बढ़ रही हैं.”

संपादकीय में कहा गया है, ”हाथरस में 19 वर्षीया एक युवती के साथ बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गयी, जिससे पूरे देश में आक्रोश फैला हुआ है. अपने अंतिम बयान (मृत्यु पूर्व बयान) में, पीड़िता ने कहा था कि उसके साथ बलात्कार हुआ था. लेकिन, उत्तर प्रदेश सरकार अब कहती है कि उसके साथ बलात्कार नहीं हुआ था. उसके तुरंत बाद, यूपी के बलरामपुर में भी सामूहिक दुष्कर्म की घटनाएं हुई.”

शिवसेना ने पूछा, ”लेकिन इस सब के बावजूद, ना तो दिल्ली में बैठे शासकों और ना ही योगी आदित्यनाथ सरकार ने कुछ किया. सरकार खुद कहती है कि जब कोई बलात्कार नहीं हुआ था, तो विपक्ष चिल्ला क्यों रहा है. लेकिन, अगर महिला का बलात्कार नहीं हुआ था, तो रातोंरात पुलिस ने उसका अंतिम संस्कार क्यों कर दिया?”

पार्टी ने कहा, ”इससे पहले, जब अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सरकार ने योगी आदित्यनाथ के सुरक्षा कवच को वापस ले लिया था, तब संसद में उन्होंने इसका रोना रोया था. अब वह खुद मुख्यमंत्री हैं, लेकिन उनके राज्य में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं.” सामना में कहा गया कि यूपी पुलिस ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को हाथरस में पीड़ित परिवार से मिलने से रोक दिया.

उन्होंने कहा, ”राहुल को कॉलर पकड़ कर जमीन पर गिरा दिया गया. एक प्रमुख राजनीतिक दल के नेता का इस तरह से अपमान करना लोकतंत्र का सामूहिक बलात्कार है.” शिवसेना ने कहा कि देश पहले इतना ‘बेजान और असहाय’ कभी नहीं था. ठाकरे नीत पार्टी ने कहा, ”जब (महाराष्ट्र के) पालघर में (इस साल अप्रैल में) दो साधुओं की भीड़ ने पीट-पीट कर हत्या कर दी थी, तो हमने योगी के बयान देखे थे और भाजपा ने हिंदुत्व का राग अलापा था. लेकिन वह अब चुप क्यों है?”

इस बीच, राष्ट्रपति को लिखे पत्र में शिवसेना प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि सामूहिक बलात्कार की नृशंसता के चलते पीड़िता की मौत हुई और उप्र पुलिस के जिम्मेदारी से मुंह मोड़ने ने हर किसी को शर्मिंदा कर दिया. उन्होंने कहा कि राष्ट्र ने देखा कि पीड़िता के शव को रातों रात जला दिया गया.

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