महाराष्ट्र में राजनीति संकट खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है. एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे गुट के बीच असली शिवसेना की लड़ाई जारी है. उद्धव ठाकरे को सत्ता से हटाने के बाद शिंदे गुट ने दावा किया कि वो ही असली शिवसैनिक हैं और शिवसेना पर उनका ही अधिकार है. अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है. इधर महाराष्ट्र के नये मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनकी गुट ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में तत्काल सुनवाई की मांग की है.
शिंदे गुट ने उद्धव ठाकरे समूह पर लगाया गंभीर आरोप
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे धड़े ने आरोप लगाया है कि उद्धव ठाकरे का खेमा निर्वाचन आयोग के समक्ष कार्यवाही को बाधित करने का प्रयास कर रहा है.
असली शिवसेना पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को हो सकती है सुनवाई
उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे धड़े के उस दावे पर गौर किया और कहा, वह शिंदे खेमे की याचिका को संविधान पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने पर विचार करेगा. शिंदे गुट की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एन के कौल ने प्रधान न्यायाधीश न्यायूमर्ति उदय उमेश ललित की अध्यक्षता वाली पीठ से कहा, हमारे अनुसार, कोई अंतरिम आदेश नहीं है. अदालत ने दूसरे पक्ष (उद्धव समूह) को समय दिया था. अब, दूसरा पक्ष निर्वाचन आयोग के समक्ष कार्यवाही को बाधित कर रहा है. राज्य में अक्टूबर महीने में कुछ चुनाव होने हैं. प्रधान न्यायाधीश ने कहा, मैं उस पर गौर करूंगा और मैं अभी कुछ भी नहीं कह सकता, लेकिन निश्चित तौर पर, कल तक कुछ होगा.
सुप्रीम कोर्ट ने मामले को पांच सदस्यीय संविधान पीठ के पास भेज दिया था
उच्चतम न्यायालय ने शिवसेना और शिंदे की ओर से दाखिल विभिन्न याचिकाओं को पिछले दिनों पांच सदस्यीय संविधान पीठ के पास भेज दिया था, जिनमें दलबदल, विलय और अयोग्यता से जुड़े कई संवैधानिक सवाल उठाए गए हैं. इसके साथ ही सर्वोच्च अदालत ने निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया था कि वह शिंदे गुट की उस याचिका पर कोई आदेश पारित न करे, जिसमें उसे असली शिवसेना मानने और पार्टी का चुनाव चिन्ह आवंटित करने की मांग की गई है.
शिंदे गुट ने चुनाव आयोग से मांग की है कि उसे ही असली शिवसेना घोषित किया जाए
शिवसेना और उसके चुनाव चिह्न पर शिंदे खेमे का दावा निर्वाचन आयोग के समक्ष लंबित है. शिंदे खेमे ने अपने आवेदन में मांग की है कि उसे असली शिवसेना घोषित किया जाए और पार्टी का चुनाव चिन्ह (तीर-धनुष) उसे आवंटित किया जाए.