ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए संजय राउत, अतिरिक्त समय देने का किया अनुरोध
ईडी के एक अधिकारी ने बताया कि शिव सेना नेता संजय राउत अलीबाग (रायगढ़ जिला) की अपनी पूर्व निर्धारित यात्रा के कारण मंगलवार को शहर में नहीं हैं और उनके वकील पेशी के लिए अतिरिक्त समय देने की मांग को लेकर पूर्वान्ह करीब 11.15 बजे जांच एजेंसी के कार्यालय पहुंचे.
महाराष्ट्र में जारी संकट के बीच शिवसेना सांसद संजय राउत पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का शिकंजा कसता नजर आ रहा है. मामले में ताजा अपडेट यह है कि मनी लांड्रिंग के एक कथित मामले की जांच के सिलसिले में ईडी के समक्ष पेश होने के लिए मंगलवार को अतिरिक्त समय मांगा. यहां चर्चा कर दें कि ईडी ने शिव सेना नेता संजय राउत को मुंबई की एक ‘चॉल’ के पुनर्विकास और उनकी पत्नी तथा दोस्तों से जुड़े अन्य वित्तीय लेन-देन से जुड़े मनी लांड्रिंग के कथित मामले की जांच के सिलसिले में पूछताछ के लिए मंगलवार को तलब किया था. राउत को ऐसे समय में तलब किया गया है, जब शिवसेना के कुछ विधायकों की बगावत की वजह से महाराष्ट्र की महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार के भविष्य पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं.
अतिरिक्त समय देने का अनुरोध
ईडी के एक अधिकारी ने बताया कि शिव सेना नेता संजय राउत अलीबाग (रायगढ़ जिला) की अपनी पूर्व निर्धारित यात्रा के कारण मंगलवार को शहर में नहीं हैं और उनके वकील पेशी के लिए अतिरिक्त समय देने की मांग को लेकर पूर्वान्ह करीब 11.15 बजे जांच एजेंसी के कार्यालय पहुंचे. अधिकारी के मुताबिक, वकील ने ईडी के अधिकारियों को एक पत्र सौंपा, जिसमें राउत को जांच एजेंसी के समक्ष पेश होने के लिए अतिरिक्त समय देने का अनुरोध किया गया है. राउत ने सोमवार को कहा था कि उनके राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ उनकी लड़ाई रोकने की ‘‘साजिश” के तहत उन्हें ईडी ने तलब किया है. उन्होंने बताया था कि वह मंगलवार को एजेंसी के सामने पेश नहीं हो पाएंगे, क्योंकि उन्हें अलीबाग में एक बैठक में हिस्सा लेना है.
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महाराष्ट्र में बागी मंत्रियों के विभाग वापस लिये गये
इधर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने गुवाहाटी के होटल में ठहरे हुए नौ बागी मंत्रियों के विभाग सोमवार को छीन लिए जबकि बागी विधायक अपनी याचिका उच्चतम न्यायालय में लेकर पहुंचे जिसने विधानसभा उपाध्यक्ष द्वारा उनके खिलाफ शुरू की गई अयोग्यता कार्यवाही पर 11 जुलाई तक रोक लगा दी. शिवसेना के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार के खिलाफ शुरू हुई बगावत को एक हफ्ते हो रहा है. उनका 36 से ज्यादा विधायकों के समर्थन का दावा है.