संजय राउत ने मोदी, शाह पर किया पलटवार, शिवसेना ने कहा- महाराष्ट्र के राज्यपाल को वापस बुलाएं
मुंबई : शिवसेना ने गुरुवार को कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राजभवन की 'प्रतिष्ठता' बरकरार रखना चाहते हैं, तो महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को वापस बुला लेना चाहिए. पार्टी ने अपने मुखपत्र 'सामना' में लिखे संपादकीय में 78 वर्षीय कोश्यारी पर हमला बोला.
मुंबई : शिवसेना ने गुरुवार को कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राजभवन की ‘प्रतिष्ठता’ बरकरार रखना चाहते हैं, तो महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को वापस बुला लेना चाहिए. पार्टी ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में लिखे संपादकीय में 78 वर्षीय कोश्यारी पर हमला बोला.
वहीं, शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा है कि ”हमारे संविधान और प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और राज्यपाल के पदों की प्रकृति धर्मनिरपेक्ष है. हिंदुत्व हमारे दिल और व्यवहार में है, लेकिन देश संविधान के आधार पर कार्य करता है, जो प्रकृति में धर्मनिरपेक्ष है.
The nature of our Constitution & posts of the PM, President & Governor is secular. Hindutva is in our heart & in practice but the country functions on the basis of the Constitution which is secular in nature: Shiv Sena MP Sanjay Raut pic.twitter.com/N6DCXK85tL
— ANI (@ANI) October 15, 2020
मालूम हो कि महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने प्रार्थना स्थलों को खोलने को लेकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा था. साथ ही पूछा था कि क्या शिवसेना नेता ‘अचानक से धर्मनिरपेक्ष’ हो गये हैं.
इधर, शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में कहा गया है कि इस मुद्दे पर भाजपा का ‘पर्दाफाश’ हो गया. उसमें कहा गया है कि राज्यपाल के सहारे महाराष्ट्र सरकार पर हमला करना विपक्षी पार्टी को महंगा पड़ गया.
लेख में कहा गया है कि कोविड-19 के सुरक्षा प्रोटोकॉल के कड़ाई से पालन के साथ रेस्तरां खोले गये हैं, लेकिन मंदिर खोलने पर भीड़ होगी. अगर भाजपा चाहती है कि मंदिर फिर से खोले जाएं, तो इसके लिए एक राष्ट्रीय नीति होनी चाहिए. पार्टी ने कहा कि देश में कई अहम मंदिर बंद हैं.
संपादकीय में कोश्यारी के पत्र को लेकर मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया को सही ठहराते हुए कहा गया है कि इससे ‘मंदिरों के देवताओं ने भी आनंदपूर्वक घंटानाद किया होगा.’ साथ ही कहा गया है कि यह घंटानाद प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री शाह तक पहुंचा ही होगा, तब वे राजभवन की प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए राज्यपाल को वापस बुलायेंगे.
मालूम हो कि कोश्यारी और ठाकरे के बीच वाक युद्ध चल रहा है. दरअसल, राज्यपाल ने कोरोना वायरस की वजह से बंद प्रार्थना स्थलों को खोलने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था और पूछा था कि क्या वह अचानक से धर्मनिरपेक्ष हो गये हैं.
ठाकरे ने जवाब देते हुए कहा था कि वह प्रार्थना स्थल खोलने के कोश्यारी के आग्रह पर विचार करेंगे. लेकिन, उन्हें ‘मेरे हिंदुत्व’ के लिए राज्यपाल के प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं है. वहीं, भाजपा के कार्यकर्ताओं ने राज्य के अलग अलग शहरों में मंदिरों के बाहर उन्हें खोलने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था.
इधर, राकांपा प्रमुख शरद पवार भी मुख्यमंत्री व राज्यपाल के बीच के विवाद में कूद पड़े और कोश्यारी के पत्र में इस्तेमाल ‘असंयमित भाषा’ को लेकर प्रधानमंत्री मोदी को चिट्ठी लिखकर हैरानी जतायी है.