महाराष्ट्र विधानसभा का शीतकालीन सत्र जब आज से शुरू हुआ तो एक बहुत ही रेअर लेकिन सुंदर दृश्य देखने को मिला, जब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की विधायक सरोज बाबू अहिरे अपने दो माह के बच्चे को लेकर विधानसभा पहुंची. सरोज अहिरे 40 साल की हैं और 2019 के विधानसभा चुनाव में देवली विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतकर आयीं हैं.
सरोज बाबूलाल अहिरे 30 सितंबर को मां बनी हैं और आज वे विधानसभा के सत्र में भाग लेने के लिए अपने नवजात के साथ पहुंचीं. उन्होंने मीडिया के सामने मुस्कुराते हुए कहा कि पिछले ढाई साल से कोविड 19 की वजह से नागपुर में कोई सत्र आयोजित नहीं किया गया था. मैं अब एक मां हूं लेकिन मैं विधायक भी हूं इसलिए अपने मतदाताओं के लिए उनके सवालों का जवाब लेने विधानसभा आयी हूं.
Nagpur |NCP MLA Saroj Babulal Ahire arrives at Maharashtra Assembly with her newborn baby. She became a mother on Sept 30&is attending Winter Session today
Says,"For past 2.5 yrs no session was held in Nagpur due to COVID.I'm a mother now but I came to get answers for my voters" pic.twitter.com/rBzRdf9zO7
— ANI (@ANI) December 19, 2022
संभवत: यह देश में पहला मामला है, जब कोई विधायक अपने नवजात बच्चे के साथ विधानसभा पहुंचीं हैं. हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि क्या वे अपने बच्चे के साथ विधानसभा की कार्यवाही में शामिल हुई या नहीं. वैसे लोकसभा की वेबसाइट पर इस बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गयी है कि क्या कोई महिला सदस्य अपने अपने बच्चे के साथ सदन की कार्यवाही में शामिल हो सकती है या नहीं.
ब्रिटेन में पिछले साल बच्चे के साथ संसद आने पर लेबर पार्टी की सांसद स्टेला क्रीजी को रोक दिया गया था. उन्हें यह कहकर रोका गया था कि अगर यह परंपरा बन गयी तो भविष्य में परेशानी बढ़ सकती है. हालांकि ब्रिटेन में बच्चे के साथ आने की परंपरा रही है 2018 में लिबरल डेमोक्रेट जो स्विंसन पहली महिला सांसद बनी थीं, जो बच्चे के साथ संसद पहुंची थीं. स्टेला क्रीजी की एक तस्वीर भी चर्चा में रही थी जिसमें वे अपने बच्चे के साथ संसद की कार्यवाही में शामिल थीं. ब्रिटेन में यह मांग की जा रही है कि बच्चे के साथ संसद की कार्यवाही में शामिल होने की अनुमति दी जाये.
केन्या की संसद में महिला सांसद जुलैखा हसन जब अपने पांच महीने के बच्चे के साथ आयीं थीं तो उन्हें बाहर जाने को कह दिया गया था. उनसे यह कहा गया था कि वे बच्चे को बाहर छोड़कर आ सकती हैं. उनपर संसद में कई सांसदों ने चिल्लाया भी था जिसका विरोध हुआ था.
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