Sena vs Sena: महाराष्ट्र में चुनाव से पहले शिंदे और उद्धव गुट का शक्ति प्रदर्शन, दशहरा रैली में दिखाएंगे अपना दम

Sena vs Sena: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले शनिवार को एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे गुट अपना शक्ति प्रदर्शन करने वाले हैं.

By ArbindKumar Mishra | October 12, 2024 3:51 PM
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Sena vs Sena: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले शक्ति प्रदर्शन के लिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) शनिवार को मुंबई में अपनी-अपनी दशहरा रैली आयोजित करेंगी.

शिंदे आजाद मैदान में करेंगे कार्यकर्ताओं को संबोधित, तो शिवाजी पार्क में उद्धव गरजेंगे

शिवसेना (यूबीटी) जहां दादर के ऐतिहासिक शिवाजी पार्क में अपनी रैली आयोजित करेगी. वहीं, शिंदे दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में आयोजित दशहरा रैली में शिवसेना कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे. शिवसेना नेता और पूर्व सांसद राहुल शेवाले ने कहा कि मुख्यमंत्री शिंदे का संबोधन सुनने के लिए लगभग दो लाख लोगों के आजाद मैदान में आयोजित रैली में शामिल होने की उम्मीद है.

बारिश की वजह से कार्यक्रम पर पड़ सकता है असर

गुरुवार रात हुई भारी बारिश के कारण दोनों आयोजन स्थलों पर पानी भर गया है. लेकिन, शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा कि इससे रैली के आयोजन पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

दोनों गुटों ने रैली से पहले जारी किया टीजर

दशहरा रैली से पहले दोनों प्रतिद्वंद्वी दलों ने ‘टीजर’ भी जारी किए हैं. शिवसेना के ‘टीजर’ में एक बाघ (जिस पर सेना लिखा हुआ है) को रस्सी के जरिये कांग्रेस से बांधकर उसके साथ धोखा होते दिखाया गया है. ‘टीजर’ में मुख्यमंत्री शिंदे अचानक सामने आते हैं और बाण से रस्सी काटकर बाघ को कांग्रेस से मुक्त कराते हैं. वहीं, शिवसेना (यूबीटी) के ‘टीजर’ में महाराष्ट्र के गौरव को बचाने और गद्दारों को दफन करने की बात कही गई है. गद्दार शब्द का इस्तेमाल उन विधायकों के संदर्भ में किया गया है, जिन्होंने उद्धव ठाकरे से बगावत की थी, जिसके कारण उनकी सरकार गिर गई थी. शिवसेना (यूबीटी) की दशहरा रैली में उद्धव के अपने पूर्व सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर भी निशाना साधने की संभावना है. उद्धव शिवसेना में फूट के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराते हैं.

उद्धव गुट का शिंदे गुट पर हमला

शिवसेना (यूबीटी) सांसद अरविंद सावंत ने एकनाथ शिंदे गुट पर निशाने साधते हुए कहा, मैं दूसरों में नहीं पड़ना चाहता. जब बालासाहेब ठाकरे ने शिवसेना बनाई थी, तब से यह आयोजन पिछले 55-56 सालों से जारी है. वे कहते थे कि यह रैली बधाई देने के लिए नहीं है, यह देश को एक दिशा दिखाने, एक विचार देने का आयोजन है. यह आज भी जारी है. अब कुछ नए ‘मशरूम’ उग आए हैं. हमें उन पर ध्यान क्यों देना है? उनके पास न तो विचार है, न ही आचरण. आपने दुश्मनी फैलाना शुरू कर दिया है. यह हमारी विचारधारा नहीं है. जिस तरह से उद्धव ठाकरे अब इस देश को एक रास्ता दिखा रहे हैं, वे केवल राजनीति के बारे में नहीं सोचते – पहले ‘राष्ट्र नीति’ है और फिर ‘राजनीति’ है.

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