Maratha Reservation: मराठा आरक्षण पर शरद पवार का बड़ा बयान, केन्द्र से की कोटा बढ़ाने की मांग
शरद पवार ने कहा कि हमारे पास संसद में केंद्र की ओर से आरक्षण की मौजूदा 50 फीसदी सीमा में संशोधन करने और इसे 15 से 16 फीसदी तक बढ़ाने का विकल्प है. उन्होंने कहा कि OBC और अन्य समुदायों के बीच फर्क नहीं होना चाहिए.
Maratha Reservation: एक तरफ महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग जोर पकड़ने लगी हैं. तो वहीं, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार का बड़ा बयान आया है. उन्होंने कहा कि केंद्र को मराठा आरक्षण पर चल रहे मुद्दे को हल करने के लिए कोटा पर 50 फीसदी की सीमा हटा देनी चाहिए. साथ ही उन्होंने इसे 15 फीसदी तक बढ़ाना चाहिए. उत्तरी महाराष्ट्र के जलगांव में मीडिया से बात करते हुए एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि कुछ लोगों का कहना है कि इससे ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) कोटा के लोगों के साथ अन्याय होगा. पवार ने कहा कि इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. ऐसे में उन्होंने कहा कि विकल्प यह है कि केंद्र संसद में मौजूदा फीसदी की सीमा में संशोधन करे और इसमें 15 से 16 फीसदी बढ़ा दे.
केन्द्र से संशोधन की अपील
शरद पवार ने कहा कि हमारे पास संसद में केंद्र की ओर से आरक्षण की मौजूदा 50 फीसदी सीमा में संशोधन करने और इसे 15 से 16 फीसदी तक बढ़ाने का विकल्प है. उन्होंने कहा कि OBC और अन्य समुदायों के बीच फर्क नहीं होना चाहिए. इस बीच शरद पवार ने यह भी कहा कि कुछ लोगों का कहना है कि और लोगों (समुदायों) को ओबीसी आरक्षण का लाभार्थी बनाना ओबीसी आरक्षण के गरीब लोगों के साथ अन्याय है. ऐसे में उन्होंने कहा कि इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में मराठा समुदाय सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी को लेकर एनसीपी नेता शरद पवार आज जलगांव के दौरे हैं. गौरतलब है कि बीते कुछ दिनों से मराठा आरक्षण का मुद्दा एक बार फिर से गरमा गया है. इस मुद्दे को लेकर बीते दिनों पुलिस के साथ आंदोलन कर रहे लोगों की झड़प भी हुई थी. दरअसल मराठवाड़ा क्षेत्र के जालना जिले में आरक्षण की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस लाठीचार्ज के बाद 1 सितंबर से राज्य में मराठों के लिए आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन भड़क गया है.
भूख हड़ताल पर बैठे कार्यकर्ता को मनाने में नाकाम रहा सरकारी प्रतिनिधिमंडल
महाराष्ट्र सरकार का एक प्रतिनिधिमंडल मराठा आरक्षण के लिए आठ दिन से भूख हड़ताल पर बैठे मनोज जारांगे को हड़ताल खत्म करने के लिए मनाने में मंगलवार को नाकाम रहा. जालना जिले के अंतरवाली सरती गांव में भूख हड़ताल कर रहे जारांगे ने कहा कि अगर आरक्षण को लेकर अनुकूल निर्णय नहीं लिया गया तो वह चार दिन बाद पानी और तरल पदार्थ लेना बंद कर देंगे. बता दें, सरकार अब तक जारांगे से दो बार संपर्क कर उनसे अनशन वापस लेने का आग्रह कर चुकी है, लेकिन उन्होंने हटने से इनकार कर दिया है.
मराठा आंदोलन को लेकर पुलिस ने किया था लाठीचार्ज
गौरतलब है कि महाराष्ट्र आरक्षण की आग में झुलस रहा है. जालना जिले में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन हो रहा है. इससे पहले आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन पर उतारू भीड़ को तितर बितर करने के लिए लाठीचार्ज की थी और आंसू गैस के गोले भी छोड़े थे.
प्रदर्शन को लेकर पुलिस 360 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.वहीं, हिंसक झड़प के दौरान प्रदर्शनकारियों ने सरकारी और निजी वाहनों में तोड़फोड़ की थी.
क्यों छिड़ा है संग्राम
गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने मराठा समुदाय के लिए आरक्षण का प्रावधान किया था, लेकिन उसे सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था. ऐसे में आरक्षण की मांग को लेकर लोग आंदोलन पर उतारू हो गये. अंतरवाली सारथी गांव में शनिवार को मीडिया से बात करते हुए जारांगे ने कहा है कि भूख हड़ताल खत्म नहीं की जाएगी. उन्होंने कहा कि पूरा गांव शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के सीएम ने मराठा आरक्षण को लेकर एक समिति गठित की है, लेकिन उसने अपनी रिपोर्ट अभी तक पेश नहीं की है, इसलिए हम आंदोलन कर रहे हैं.