शिवसेना नेता की कोरोना वायरस से हुई मौत, महाराष्ट्र में संक्रिमतों की संख्या 90 हजार के करीब

महाराष्ट्र (Maharashtra) में कोरोना वायरस (coronavirus) को संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस बीच महाराष्ट्र के ठाणे जिले में मीरा-भायंदर नगर निगम के एक शिवसेना पार्षद की मंगलवार को कोविड-19 (COVID19) से मृत्यु हो गई. पार्टी के सूत्रों ने इसकी पुष्टि की.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 9, 2020 6:35 PM
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मुंबई : महाराष्ट्र में कोरोना वायरस को संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस बीच महाराष्ट्र के ठाणे जिले में मीरा-भायंदर नगर निगम के एक शिवसेना पार्षद की मंगलवार को कोविड-19 से मृत्यु हो गई. पार्टी के सूत्रों ने इसकी पुष्टि की.

पार्टी के एक प्रवक्ता ने बताया कि 55 वर्षीय पार्षद को एक सप्ताह पहले कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया और ठाणे शहर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अस्पताल में उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था. उन्होंने बताया कि मृतक के परिवार में उसकी वृद्ध मां, पत्नी और बेटा हैं. इन तीनों का भी अस्पताल में कोविड-19 के लिए इलाज हुआ और तीनों स्वस्थ हो चुके हैं.

शिवसेना के सूत्रों के अनुसार, चार बार पार्षद चुने गए शिवसेना नेता शहर में वायरस के प्रकोप के दौरान बेहद सक्रिय थे और उन्होंने क्षेत्र के जरूरतमंदों की मदद की थी. इस बीच, शिवसेना नेता और ओवाला-माजीवाड़ा के विधायक प्रताप सरनाईक ने उनके निधन पर शोक जताया.

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महाराष्ट्र में कोरोना के 88528 केस

महाराष्ट्र में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से बढ़ता जा रहा है. यहां अब तक कुल 88528 लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं. जिसमें 44384 एक्टिव केस हैं और 40975 लोग कोरोना को हराकर घर लौट चुके हैं. महाराष्ट्र में कोरोना से अब तक 3169 लोगों की मौत भी हो चुकी है. महाराष्ट्र में मुंबई कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित हैं.

लॉकडाउन में छूट का कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़े : शिवसेना

शिवसेना ने मंगलवार को कहा कि यह सुनश्चित करने के लिये सावधानी बरती जानी चाहिये कि लॉकडाउन में छूट का कोई प्रतिकूल असर नहीं हो और पार्टी ने इसके साथ ही स्व अनुशासन बनाये रखने की अपील की.

शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ ने अपने संपादकीय में कहा है कि कोविड-19 के मामलों में कमी आने के कोई संकेत नहीं है, फिर भी लॉकडाउन में छूट दे दी गयी है. इसमें कहा गया है, ‘लॉकडाउन समाप्त होने के बाद चुनौतियां बढ़ेंगी. सरकार सख्त हो सकती है, लेकिन लोगों को इस स्थिति तक नहीं पहुंचने देना चाहिये.

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लॉकडाउन की अवधि में कोरोना वायरस मामलों की बढ़ती संख्या से कोई राहत नहीं मिली है. इसमें कहा गया है, ‘स्व अनुशासन समय की मांग है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लॉकडाउन में ढील का कोई प्रतिकूल असर नहीं हो. मुंबई के मरीन ड्राइव पर सुबह की सैर पर निकले लोगों की तस्वीर का हवाला देते हुये मराठी दैनिक ने अपने संपादकीय में कहा है कि अगर ऐसी स्थिति बनी रहती है तो चीजें निश्चित तौर पर कठिन हो जायेंगी. इसमें कहा गया है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे लॉकडाउन को हटाने के पक्ष में नहीं थे लेकिन अन्य राजनीतिक नेता चाहते थे कि इसमें छूट दिया जाना चाहिये.

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