शिवसेना नेता संजय राउत ने नेहरू से की वाजपेयी की तुलना, बोले – अटल जी को शोभा देता है ‘सबका साथ – सबका विकास’
शिवसेना नेता संजय राउत से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर उनके जीवन से संबंधित कुछ सवाले पूछे गए, तो उसके जवाब में उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी ने शिवसेना और भाजपा के गठबंधन को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई.
मुंबई : शिवसेना के नेता संजय राउत ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू से तुलना की है. आज पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती है और इस मौके पर उन्होंने उनकी प्रशंसा की है. शिवसेना के नेता संजय राउत ने अटल बिहार वाजपेयी के जन्मदिन के मौके पर कहा कि प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के बाद वे एकमात्र ऐसे नेता था, जिनकी सराहना पूरे देश के लोग किया करते हैं. उन्होंने आगे कहा कि सही मायने में ‘सबका साथ – सबका विकास’ का नारा उन्हें ही शोभा देता है.
शिवसेना नेता संजय राउत ने जारी एक बयान के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्ष 2014 में ‘सबका साथ – सबका विकास’ के नारे के साथ अपना कार्यभार संभाले थे. शिवसेना नेता संजय राउत से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर उनके जीवन से संबंधित कुछ सवाले पूछे गए, तो उसके जवाब में उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी ने शिवसेना और भाजपा के गठबंधन को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई.
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर हमला करते हुए कहा कि सही मायने में ‘सबका साथ – सबका विकास’ की पंक्ति अटल बिहारी वाजपेयी को ही शोभा देती है. शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि वाजपेयी जवाहरलाल नेहरू के बाद भारत के दूसरे ऐसे नेता थे, जिन्हें देशभर में सराहा जाता है. भले ही वह नगालैंड हो या पुडुचेरी, सभी जगह लोग वाजपेयी का सम्मान करते थे. राउत ने कहा कि वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी भाजपा के दो बड़े स्तम्भ थे, जिन्होंने पार्टी को देशभर में मजबूत बनाने में मदद की.
बता दें कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू कांग्रेस का नेता होते हुए भी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को काफी पसंद किया करते थे. हालांकि, अटल बिहारी वाजपेयी तब के जनसंघ के नेता हुआ करते थे और वे संसद में जवाहर लाल नेहरू की खुलकर आलोचना किया करते थे. जवाहर लाल नेहरू उनके भाषण से काफी प्रभावित थे और यही वजह है कि एक बार के आम चुनाव में जब वाजपेयी जी बलरामपुर से चुनाव लड़ रहे थे, तो उन्होंने उनके खिलाफ प्रचार करने से मना कर दिया था.
इतना ही नहीं, जवाहर लाल नेहरू अटल बिहार वाजपेयी की ओजस्विता से इतना अधिक प्रभावित थे कि एक बार उन्होंने विदेश से आए एक प्रतिनिधिमंडल के सामने यह कहा था कि अटल बिहारी वाजपेयी भविष्य में भारत के प्रधानमंत्री बनेंगे.