Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में शिंदे गुट के विधायकों के अयोग्यता मामले में स्पीकर ने बड़ा फैसला किया है. सीएम एकनाथ शिंदे समेत सभी विधायकों को अयोग्यता मामले में स्पीकर राहुल नार्वेकर ने कहा कि एकनाथ शिंदे को हटाने का अधिकार उद्धव ठाकरे के पास नहीं है. बता दें, इस मामले में SC ने 31 दिसंबर तक फैसला सुनाने के लिए कहा था. लेकिन इसे 10 जनवरी तक इसे बढ़ाया गया. अयोग्यता मामले में फैसले की कार्रवाई का लाइव प्रसारण किया गया. महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा, शिवसेना के 2018 संशोधित संविधान को वैध नहीं माना जा सकता क्योंकि यह भारत के चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में नहीं है. रिकॉर्ड के अनुसार, मैंने वैध संविधान के रूप में शिव सेना के 1999 के संविधान को ध्यान में रखा है. उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे का नेतृत्व 2018 संविधान के मुताबिक नहीं है. ऐसे में उद्धव ठाकरे के पास एकनाथ शिंदे को हटाने का अधिकार नहीं है.
फैसला सुनाने के दौरान महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि मेरे सामने मौजूद सबूतों और रिकॉर्डों को देखते हुए, प्रथम दृष्टया संकेत मिलता है कि वर्ष 2013 के साथ-साथ साल 2018 में भी कोई चुनाव नहीं हुआ था. हालांकि, मैं स्पीकर के रूप में 10वीं धारा के तहत अधिकार क्षेत्र का प्रयोग कर रहा हूं. अनुसूची का क्षेत्राधिकार सीमित है और यह वेबसाइट पर उपलब्ध ईसीआई के रिकॉर्ड से आगे नहीं जा सकता है और इसलिए मैंने प्रासंगिक नेतृत्व संरचना का निर्धारण करते समय इस पहलू पर विचार नहीं किया है. इस प्रकार, उपरोक्त निष्कर्षों को देखते हुए, मुझे लगता है कि शिव की नेतृत्व संरचना परिलक्षित होती है ईसीआई की वेबसाइट पर उपलब्ध 27 फरवरी 2018 का पत्र प्रासंगिक नेतृत्व संरचना है जिसे यह निर्धारित करने के उद्देश्य से ध्यान में रखा जाना चाहिए कि कौन सा गुट वास्तविक राजनीतिक दल है.
महाराष्ट्र विधायकों में सीएम एकनाथ शिंदे समेत विधायकों की अयोग्यता मामले पर फैसला सुनाते स्पीकर राहुल नार्वेकर ने कहा कि दोनों गुट असली शिवसेना होने का दावा कर रहे हैं. लेकिन इलेक्शन कमीशन के रिकॉर्ड ने शिंदे गुट ही असली शिवसेना माना है. राहुल नार्वेकर ने कहा कि 2018 का संविधान संशोधन रिकॉर्ड में नहीं है. उन्होंने कहा कि उद्धव गुट ने चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती दी थी. फैसला सुनाते हुए नार्वेकर ने कहा कि शिवसेना का 1999 का संविधान आधार है. इसी रिकॉर्ड के मुताबिक शिंदे गुट असली पार्टी है. उन्होंने कहा कि अपने फैसले में मैने इस बात का भी ध्यान रखा हूं. महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि शिवसेना के 2018 के संविधान पर विचार करने की उद्धव ठाकरे गुट की दलील स्वीकार नहीं की जा सकती.
#WATCH | Maharashtra Assembly speaker Rahul Narwekar says, "In view of the evidence and records before me, prima facie indicates that no elections were held in the year 2013, as well as in the year 2018. However, I as the speaker exercising jurisdiction under the 10th schedule… pic.twitter.com/o5FIqFj6kN
— ANI (@ANI) January 10, 2024
गौरतलब है कि इससे पहले मंगलवार को विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग करने वाली शिवसेना गुटों की याचिकाओं पर महत्वपूर्ण फैसले से पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा था कि विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को गुणदोष के आधार पर अपना फैसला देना चाहिए. शिंदे ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि वह आदेश के बाद विस्तृत प्रतिक्रिया देंगे. उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग ने उनके संगठन को शिवसेना नाम और पार्टी के धनुष और तीर निशान को बनाए रखने की अनुमति दी है. शिंदे ने कहा कि उनके गुट के पास विधानसभा में 67 प्रतिशत और लोकसभा में 75 प्रतिशत सदस्य हैं.
संजय राउत के बयान पर पलटवार
वहीं सीएम शिंदे ने संजय राउत के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि कुछ लोगों ने मैच फिक्सिंग का आरोप लगाया है. उन आरोपों में कोई दम नहीं है. विधानसभा अध्यक्ष को गुणदोष के आधार पर फैसला लेना चाहिए. उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) ने सुप्रीम कोर्ट में में एक हलफनामा दायर कर शिंदे और विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर के बीच हाल में हुई बैठक पर आपत्ति जताई थी. भाषा इनपुट के साथ