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परम बीर सिंह मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, देशमुख पर लगाया था वसूली का आरोप

Supreme Court, Mumbai Police chief, Param Bir Singh, Anil Deshmukh, CBI investigation मुंबई के पूर्व पुलिस प्रमुख परम बीर सिंह मामले में बुधवार को सुप्रीम कोई में सुनवाई होगी. जिसमें सिंह ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर वसूली का आरोप लगाते हुए सीबीआई जांच की मांग की है और अपने स्थानांतरण आदेश को भी चुनौती दी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 23, 2021 8:51 PM

मुंबई के पूर्व पुलिस प्रमुख परम बीर सिंह मामले में बुधवार को सुप्रीम कोई में सुनवाई होगी. जिसमें सिंह ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर वसूली का आरोप लगाते हुए सीबीआई जांच की मांग की है और अपने स्थानांतरण आदेश को भी चुनौती दी है.

पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे अपने आठ पन्नों के पत्र में दावा किया था कि देशमुख चाहते थे कि पुलिस अधिकारी बार और होटलों से 100 करोड़ रुपये मासिक इकट्ठा करें. हालांकि देशमुख ने इन आरोपों को खारिज किया है.

इधर इस मामले को लेकर भाजपा लगातार महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार पर हमला किया है. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मंगलवार को कहा कि तीन दलों के गठबंधन से चल रही महाराष्ट्र सरकार ‘वसूली की, वसूली द्वारा और वसूली के लिए’ है और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली यह सरकार सत्ता में बने रहने का नैतिक अधिकार खो चुकी है.

शिव सेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) गठबंधन वाली महा विकास आघाडी सरकार पर भाजपा ने यह हमला मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने उन आरोपों के आलोक में किया है जिसमें उन्होंने यह कहकर सनसनी मचा दी थी कि राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने पुलिस के लिए प्रति महीने 100 करोड़ की वसूली का लक्ष्य निर्धारित किया था.

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प्रसाद ने यहां भाजपा मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के इतिहास में ये पहली बार हुआ कि किसी पुलिस कमिश्नर ने राज्य के गृह मंत्री के ऊपर 100 करोड़ रुपये महीना वसूली का लक्ष्य देने का आरोप लगाया है.

उन्होंने पूछा, जब एक मंत्री का टार्गेट 100 करोड़ रुपये है तो बाकी के मंत्रियों का कितना होगा? प्रसाद ने कहा, ‘महाराष्ट्र में ‘खेला’ (खेल) चल रहा है. राज्य में विकास नहीं हो रहा है बल्कि वसूली हो रही है. महाराष्ट्र सरकार को सबसे भ्रमित सरकार करार देते हुए प्रसाद ने कहा कि सरकार के सहयोगी दलों को ही नहीं मालूम कि राज्य में हो क्या रहा है. उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार ने सत्ता में बने रहने का हक खो दिया है क्योंकि यह ‘वसूली की, वसूली द्वारा और वसूली के लिए’ सरकार है.

उन्होंने कहा, ‘पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस जी ने कुछ दस्तावेजों के साथ कहा है कि ट्रांसफर और पोस्टिंग के नाम पर भी वसूली चल रही थी. वो भी छोटे मोटे नहीं बल्कि बड़े बड़े अधिकारियों की भी। प्रसाद ने कहा कि वरिष्ठ राकांपा नेता शरद पवार को यदि अपनी विश्वनीयता बचानी है तो उन्हें देशमुख का इस्तीफा सुनिश्चित करना पड़ेगा.

Posted By – Arbind kumar mishra

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