Loading election data...

परिवार ने सुनायी आपबीती कहा- कोरोना से जान गंवाने वाले व्यक्ति के शव को कोई ऐंबुलेंस ले जाने तैयार नहीं हुई

महाराष्ट्र के औरंगाबाद में 28 वर्षीय शख्स ने दावा किया कि उनके पिता की कोरोना वायरस से मौत होने जाने के बाद उनके शव को स्थानीय श्मशान घाट तक ले जाने के लिए कोई भी ऐंबुलेंस तैयार नहीं हुई. शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाला व्यक्ति खुद भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो गया था लेकिन इलाज के बाद वह ठीक हो गया.

By Mohan Singh | April 20, 2020 9:57 PM

औरंगाबाद : महाराष्ट्र के औरंगाबाद में 28 वर्षीय शख्स ने दावा किया कि उनके पिता की कोरोना वायरस से मौत होने जाने के बाद उनके शव को स्थानीय श्मशान घाट तक ले जाने के लिए कोई भी ऐंबुलेंस तैयार नहीं हुई. शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाला व्यक्ति खुद भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो गया था लेकिन इलाज के बाद वह ठीक हो गया.

उन्होंने अपने परिवार की आप बीती पीटीआई-भाषा को बताई. उन्होंने बताया, “मेरे खुशहाल परिवार ने इस महीने की शुरुआत में अचानक अपना मुखिया खो दिया. उनकी मृत्यु के 48 घंटे के भीतर, हमारे परिवार के तीन सदस्यों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई. उन्होंने बताया ‘‘ इसके बाद हम लोग दहशत में आ गए.

Also Read: सीएम योगी के पिता की अंतिम दर्शन करने जा रहीं मौसी को उत्तराखंड पुलिस ने रोका

हालांकि हम इलाज के बाद ठीक हो गए. लेकिन हमने उन लोगों की आंखों में डर देखा जो हमसे मिले थे.इस शख्स ने बताया कि उनके 58 वर्षीय पिता मुंबई में , सार्वजनिक क्षेत्र के एक प्रमुख बैंक में काम करते थे. उन्होंने घर में खुद को एक कमरे में पृथक कर लिया था. हालांकि उनमें कोरोना वायरस के लक्षण नहीं दिखे थे. उन्हें बाद में मधुमेह की समस्या बढ़ने और संबंधित जटिलताओं की वजह से यहां एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया.

उन्होंने बताया ” अस्पताल ने हमें सलाह दी कि हम अपने पिता को कोविड-19 के इलाज के लिए निर्धारित अस्पताल ले जाएं. इसके बाद उन्हें सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया. उनके बेटे ने बताया कि कुछ दिनों में ही उनकी मौत हो गई. उनके नमूनों की जांच से उनके कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई.

उन्होंने बताया, ” कोई भी ऐंबुलेंस मेरे पिता के शव को श्मशान घाट तक ले जाने को तैयार नहीं हुई. किसी तरह से हमने इसका इंतजाम किया और श्मशान घाट पहुंचे तो हमने देखा कि वहां ड्यूटी पर तैनात व्यक्ति ने पूरे इंतजाम नहीं किए थे. उसने अंतिम संस्कार करने के लिए दूर से ही हमें निर्देशित किया, क्योंकि उसे भी संक्रमित होने का डर था.

उन्होंने बताया कि वह, उनकी पत्नी और बड़ा भाई कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गये थे. लेकिन उन सब की बाद की रिपोर्टें निगेटिव आईं. उन्होंने बताया कि सोमवार को उन्हें, उनकी पत्नी और भाई को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई

Next Article

Exit mobile version