उद्धव सरकार पर संकट का बादल ! अब सहयोगी कांग्रेस ने लगाया ये आरोप
Uddhav Thackeray government, Ashok Chavan : महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार पर एकबार फिर संकट का बादल मंडरा रहा है. सरकार के सहयोगी कांग्रेस ने अफसरों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए सीएम से हस्तक्षेप करने की मांग की है. सरकार में मंत्री और कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने आरोप लगाया है कि राज्य में कुछ अफसर गलत ट्रैक पर चल रहे हैं.
मुंबई : महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार पर एकबार फिर संकट का बादल मंडरा रहा है. सरकार के सहयोगी कांग्रेस ने अफसरों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए सीएम से हस्तक्षेप करने की मांग की है. सरकार में मंत्री और कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने आरोप लगाया है कि राज्य में कुछ अफसर गलत ट्रैक पर चल रहे हैं.
एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता अशोक चव्हाण ने सरकार के अधिकारियों पर अवहेलना का आरोप लगाया. चव्हाण ने कहा कि सरकार में कुछ चीजें ठीक नहीं चल रही हैं, इस मुद्दे पर बातचीत के लिए हमने सीएम से वक्त मांगा है. मुझे उम्मीद है कि वे दो दिन में हमें मिलने का समय देंगे. बता दें कि छह महीने पहले बनी उद्धव ठाकरे सरकार पर यह पहली बार नहीं है जब कोई संकट आ खड़ा हुआ है. सरकार पर पहले भी कई बार संकट के बादल मंडरा चुके हैं.
कोरोना संकट पर बीजेपी बोल चुकी है हमला– इससे पहले, कोरोना संक्रमण में फेल्योर का आरोप लगाकर बीजेपी ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की थी. बीजेपी नेता और पूर्व सीएम नारायण राणे राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात कर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की थी, हालांकि बाद में शिवसेना ने बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया, जिसके बाद पार्टी के शीर्ष नेताओं ने दखलअंदाजी शुरू कर राणे की मांग को व्यक्तिगत मांग बता डाला.
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उद्धव की सदस्यता संकट– इससे पहले, उद्धव ठाकरे सरकार को बड़ा झटका तब लगा था जब राज्य के राज्यपाल ने उनकी विधानपरिषद की सदस्यता वाले प्रस्ताव को रोक दिया था. इस मामले के बाद राजनीतिक हलकों में कयास लगाए जाने लगे कि उद्धव कब तक सीएम रह पायेंगे. हालांकि बाद में चुनाव आयोग ने राज्य में विधानपरिषद चुनाव की घोषणा कर दी और उद्धव ठाकरे की सदस्यता बहाल हो गयी, जिसके बाद सरकार के ऊपर खतरा भी टल गया.
क्या है सरकार का गणित- महाराष्ट्र में 288 विधानसभा की सीट है, जिसमें शिवसेना के पास 56, एनसीपी के पास 54 और कांग्रेस के पास 44 सीट है. तीनों दल का मिलाकर 154 सीट हो जाता है, जो बहुमत से काफी अधिक है, इसके अलावा उद्धव सरकार को निर्दलीय और छोटे-छोटे दलों का भी समर्थन प्राप्त है. अगर कांग्रेस सरकार यूहीं हटती है, तो सरकार का गिर जाना तय माना जा रहा है.
Posted By : Avinish Kumar Mishra