Water Crisis: गर्मी की शुरुआत के साथ ही देश के कई हिस्सों में पानी की किल्लत देखने को मिल रही है. महाराष्ट्र के नासिक स्थित दांडीची बाड़ी गांव में भी यही हाल है. गांव में लोग पानी की घोर किल्लत के बीच लोग बूंद-बूंद को भी तरस रहे हैं. आलम ये है कि पानी की कमी के कारण महिलाएं अब ससुराल छोड़ने पर मजबूर हो रही है. वहीं, अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने पानी की किल्लत को लेकर संज्ञान लिया है.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान
दांडीची बाड़ी गांव में भीषण जलसंकट को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने महाराष्ट्र सरकार और केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय को नोटिस जारी किया है. ANI की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दांडीची बाड़ी गांव पानी की घोर किल्लत से दो चार हो रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, दांडीची बाड़ी गांव की महिलाओं को हर गर्मियों में लंबी दूरी तक कर पानी लाने का काम करना होता है. हर साल मार्च से लेकर जून तक गांव की महिलाएं, एक पहाड़ी के तल पर करीब-करीब लगभग सूख चुकी धारा से पानी लेने जाती है.
गांव में बेटी की शादी करने से कतराते हैं पिता: मार्च से लेकर जून महीने तक गांव में पानी की घोर किल्लत हो जाती है. गांव की महिलाएं को हर दिन डेढ़ किलोमीटर पैदल चलकर कई बार पानी लाना होता है. पानी की कमी के कारण लोग अपनी बेटियों की शादी करने से कतराने लगे हैं. वहीं, कई महिलाएं शादी के बाद गांव छोड़ने के लिए मजबूर हैं.
एएनआई के मुताबिक, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने एक मीडिया रिपोर्ट के हवाले से पानी की घोर कमी को लेकर महाराष्ट्र सरकार और केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय को नोटिस जारी किया है. एनएचआरसी ने इसे मानवाधिकार का उल्लंघन करार दिया है. आयोग ने इसे जीवन और सम्मान का अधिकार का उल्लंघन माना है. हालांकि,आयोग ने माना है कि सरकार ने गांव में पानी की किल्लत को दूर करने के उपाय किए है, लेकिन ग्राउंड लेवल पर कुछ खास नहीं हो पाया है.
Posted by: Pritish Sahay