नकली पुलिस वाले का फरेब : खाकी वर्दी, ट्रैफिक पुलिस की बाइक और हफ्ता वसूली
सब-इंस्पेक्टर यश पल्वे ने कहा कि मैं थोड़ा सावधान था, क्यों सरसरी तौर पर वह व्यक्ति कोई वरिष्ठ अधिकारी लग रहा था. जैसे ही पल्वे और उनकी टीम बाइक सवार व्यक्ति की ओर बढ़ी, वह तेजी से भागने लगा. उन्होंने उसका पीछा किया और उसे घेर लिया.
मुंबई : महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में पुलिस अधिकारियों को यह जानने में तब मुश्किल आई, जब उन्होंने खाकी वर्दी में एक नकली पुलिस वाले को गिरफ्तार किया. एमआईडीसी थाने के अधिकारियों ने एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया, जो एक सिपाही के वेश में खाकी वर्दी पहने हुए था. इस नकली सिपाही का नाम कैलाश खामकर (45) है. जिस समय उसे गिरफ्तार किया गया, उस वक्त वह चकाला मेट्रो स्टेशन के नीचे पुलिस की बाइक पर सवार था.
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस वैन पर सवार सब-इंस्पेक्टर यश पल्वे जब चकाला मेट्रो स्टेशन के पास से गुजरे, तब उन्होंने बाइक पर सवार एक पुलिस वाले को देखा. सरसरी तौर पर उन्हें कोई संदेह नहीं हुआ. जल्द ही उन्हें आभास हुआ कि खाकी वर्दी पहने व्यक्ति पुलिस की वर्दी में तो है, लेकिन बाइक सफेद वर्दी पहनने वाले यातायात पुलिस की है. दोपहिया वाहन पर पुलिस का स्टीकर लगा हुआ था.
पहचान पत्र ने कर दी चुगली
यह आभास होते ही उन्होंने वैन के ड्राइवर को मौके पर वापस लौटने को कहा. सब-इंस्पेक्टर यश पल्वे ने कहा कि मैं थोड़ा सावधान था, क्यों सरसरी तौर पर वह व्यक्ति कोई वरिष्ठ अधिकारी लग रहा था. जैसे ही पल्वे और उनकी टीम बाइक सवार व्यक्ति की ओर बढ़ी, वह तेजी से भागने लगा. उन्होंने उसका पीछा किया और उसे घेर लिया. उन्होंने उससे पूछा कि वह किस क्लास से है. पूछताछ में उसने पुलिस विभाग के आंतरिक कामकाज के बारे में बहुत कुछ बताया. उसने उन्हें जो कार्ड दिखाया, वह कार्ड घाटकोपर पुलिस स्टेशन द्वारा जारी किया गया था. यहीं पर उन्हें शक हुआ, क्योंकि पुलिसकर्मी को दिया जाने वाला पहचान पत्र मुंबई आयुक्तालय द्वारा जारी किया जाता है, न कि किसी पुलिस स्टेशन कोई पहचान पत्र जारी करता है.
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दुकानदारों से करता रहा हफ्ता वसूली
मीडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि सब-इंस्पेक्टर यश पल्वे ने जब उससे पूछताछ की, तो उसने खुद को सीआईडी का कर्मचारी बताया है और कहा कि वह गुप्त मिशन पर है. उन्होंने जब कड़ाई से पूछताछ की, तो असलियत सामने आ गई. दरअसल, कैलाश खामकर एयरपोर्ट पर लोडर के पद पर काम करता था. उसने खाकी वर्दी पहन रखी थी और यातायात पुलिस की बाइक का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया. पुलिस का वेश धारण करने के बाद उसे दुकानदारों से हफ्तावसूली करना शुरू कर दिया. वह दुकानदारों से कहता था कि उन्हें कारोबार करना है, तो उसे हफ्ता देना होगा. पुलिस का कहना है कि ऐसा करके उसने एक दिन में करीब 3,000 रुपये की उगाही की.