मिथिलेश,पटना
लोकसभा चुनाव के सातवें चरण की चुनावी सरगर्मी अब प्राचीन मगध और शाहाबाद क्षेत्र में केंद्रित होती जा रही है. यहां की लोकसभा सीटों विशेषकर पटना साहिब, पाटलिपुत्र, आरा, बक्सर और काराकाट का चुनावी महासमर खास बन गया है. दरअसल यहां बिहार की राजनीति के खास धुरंधरों के परिजन चुनावी संग्राम में हैं. कुछ दिग्गज खुद चुनावी समर में ताल ठोक रहे हैं. इन दिग्गज राजनेताओं के प्रति मतदाताओं का रुख क्या रहता है, इसका पता तो चार जून को ही लगेगा, लेकिन इससे पहले यहां की सियासी लड़ाई बड़ी रोचक मानी जा रही है.
उदाहरण के लिए पटना साहेब संसदीय क्षेत्र को ही लें. लोकसभा अध्यक्ष रही मीरा कुमार के बेटे अंशुल अभिजीत यहां इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में हैं. बिल्कुल नये सियासी चेहरे हैं. वे स्वतंत्रता सेनानी और बड़े दलित नेता जगजीवन राम के नाती हैं. इनका मुकाबला पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद सिंह से है. यहां के भाजपा प्रत्याशी का सियासी रसूख और पहचान किसी से छिपी नहीं है. हार-जीत की संभावनाओं से परे इस बार इस सीट पर लड़ाई दिलचस्प होगी, क्योंकि इस सीट का मतदाता पूरी तरह मध्यमवर्गीय है.
यादवी संघर्ष का सेंटर बना पाटलिपुत्र लोकसभा
जहां तक पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र का सवाल है, यहां से राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की बेटी चुनावी संग्राम में हैं. यहां उनका मुकाबला दिग्गज केंद्रीय राज्य मंत्री रहे भाजपा प्रत्याशी रामकृपाल यादव से है. रामकृपाल से वे लगातार दो बार हार चुकी हैं. कभी राम कृपाल यादव राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के विश्वस्त सहयोगी रहे हैं. कुल मिलाकर राजद प्रत्याशी डॉ मीसा भारती के पास पिता का दमदार रसूख सियासी पूंजी के रूप में है, वहीं भाजपा उम्मीदवार राम कृपाल यादव के पास खुद की बनायी सियासी जमीन ही उनकी जमा-पूंजी है. कुल मिलाकर पाटलिपुत्र का चुनावी संग्राम इस बार भी रोचक होगा.
मीरा कुमार और लालू की प्रतिष्ठा लगी है दांव पर
पटना साहिब और पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र में बिहार की राजनीति के दो दिग्गजों कांग्रेस नेता मीरा कुमार और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की प्रतिष्ठा दांव पर है. यह देखते हुए कि बेटा-बेटी चुनाव मैदान में हैं. अपनों के चुनाव प्रचार के अभियान को ताकत देने में दोनों सक्रिय भी हैं.
बक्सर और आरा में भी रोचक मुकाबला
बक्सर लोकसभा क्षेत्र की बात करें, तो यहां राजद अध्यक्ष और शाहाबाद के दिग्गज नेता कहे जाने वाले जगदानंद सिंह के बेटे सुधाकर सिंह राजद प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में हैं. सुधाकर सिंह पिछली बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं. इसके अलावा आरा में पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह चुनावी ताल ठाेके हुए हैं. वे हैट्रिक लगाने की कोशिश में हैं. उनके लिए यहां की लड़ाई बेहद प्रतिष्ठापूर्ण है.
पवन सिंह के आने से काराकाट में कांटे की टक्कर
काराकाट लोकसभा क्षेत्र में लड़ाई दो विशेष कद्दावरों के बीच है. यहां पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा एनडीए उम्मीदवार के रूप में उतरे हैं. वहीं, भोजपुरी सिने जगत के स्टर पवन सिंह ने भी नामांकन किया है. इसके अलावा उन्होंने अपनी मां को भी प्रत्याशी बनाया है. मां के नामांकन के बारे में कहा जा रहा है कि अगर पवन सिंह का नामांकन रद्द हो जाता है, तो उनकी मां चुनाव लड़ सकती हैं. इसी तरह नालंदा, सासाराम और जहानाबाद संसदीय क्षेत्र की लड़ाई के अपने मायने हैं, लेकिन उसकी चुनावी गलियारों में अपेक्षाकृत कम चर्चा है.