रायपुर : छत्तीसगढ़ में पुलिस प्रशासन ने माओवादियों को कारतूस और अन्य सामान मुहैया कराने के आरोपी सहायक उप निरीक्षक समेत दो पुलिस कर्मियों को बर्खास्त कर दिया है. राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने शुक्रवार को यहां बताया कि माओवादियों के आपूर्ति नेटवर्क में संलिप्त पाए गए सुकमा जिले के सहायक उप निरीक्षक आनन्द जाटव और प्रधान आरक्षक सुभाष सिंह को बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक ने तत्काल प्रभाव से सेवा से बर्खास्त कर दिया है.
अधिकारियों ने बताया कि चार जून को माओवादियों के लिए गोला-बारूद और अन्य सामान की आपूर्ति के बारे में मुखबिर से सूचना मिलने के बाद धमतरी निवासी मनोज शर्मा और बालोद निवासी हरिशंकर गेडाम को सुकमा के मलकानगिरी चौक से गिरफ्तार किया गया था.
पुलिस ने इनके कब्जे से से एसएलआर हथियारों का 395 राउंड कारतूस बरामद किया था. उन्होंने बताया कि मनोज शर्मा और हरिशंकर गेडाम से पूछताछ के बाद दुर्गकोंदल के गणेश कुंजाम और आत्माराम नरेटी को गिरफ्तार किया गया.
दोनों का सम्पर्क कांकेर के बड़े नक्सली नेता प्रतापपुर एरिया कमेटी के सचिव दर्शन पेद्दा से होने की बात सामने आई. इनके कब्जे से इनसास रायफल और .303 रायफल के 70 राउंड कारतूस मिले. इस दौरान पुलिस ने प्वाइंट 303, एके-47, एसएलआर, और इनसास रायफल का कुल 695 राउंड कारतूस बरामद किया था.
अधिकारियों ने बताया कि मामले की जांच के दौरान पुलिस लाइन में पदस्थ एएसआई आनंद जाटव और प्रधान आरक्षक सुभाष सिंह की इस मामले में संलिप्तता की जानकारी मिली और दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया. उन्होंने बताया कि इस पूरे मामले की जांच के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी के नेतृत्व में नौ सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया है.
अधिकारियों ने बताया कि बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने सहायक उप निरीक्षक आनंद जाटव और प्रधान आरक्षक सुभाष सिंह के आपराधिक कृत्य में सम्मिलित होकर संदिग्ध आचरण प्रदर्शित करने वाले मामले को गंभीरता से लिया है तथा दोनों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने का निर्णय लेते हुए उन्हें 10 जून को तत्काल प्रभाव से सेवा से बर्खास्त कर दिया है.
इस संबंध में सुन्दरराज ने कहा कि पुलिस विभाग में किसी अधिकारी या कर्मचारी के आपराधिक कृत्यों और संदिग्ध आचरण के कारण सुरक्षा बल के सदस्यों के मनोबल पर किसी प्रकार का विपरीत असर न पड़ने देने तथा सुरक्षा बल के लिए अनुशासन और कर्तव्यनिष्ठ सर्वोत्तम रखने की आवश्यकता है. इन बातों को ध्यान में रखते हुए सहायक उपनिरीक्षक जाटव और प्रधान आरक्षक सिंह को सेवा से बर्खास्त किया गया है.
Posted By- Pankaj Kumar Pathak