अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर ऑनलाइन विचार गोष्ठी 8 आर-ए : संगोष्ठी में शामिल महिलाएं रामगढ़. शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास महिला प्रभाग के तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर ऑनलाइन विचार गोष्ठी हुई. इसका विषय राष्ट्रीय प्रगति में महिलाओं का योगदान था. कार्यक्रम की अध्यक्षता झारखंड राय विश्वविद्यालय, रांची की कुलपति डॉ सविता सेंगर ने की. कार्यक्रम की मुख्य अतिथि साहित्यकार व प्राचार्या, महाराणा प्रताप महाविद्यालय छत्तीसगढ़ की डॉ अनीता सिंह थीं.
कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ स्वाति पांडेय की सरस्वती वंदना पाठ के साथ हुआ. स्वागत भाषण व विषय प्रवेश करते हुए डॉ शारदा प्रसाद ने कहा कि किसी भी राष्ट्र की प्रगति में महिलाओं का महत्वपूर्ण योगदान होता है. उन्हें आज तक वह महत्व और अधिकार नहीं मिल पाया है, जिसकी वह हकदार हैं. छात्र रिया यादव ने कहा कि महिलाएं परिवार बनाती हैं. घर से समाज बनता है और समाज से ही राष्ट्र बनता है. चांदनी कुमारी ने कहा कि महिलाएं जिस निपुणता से रसोई और घर के रिश्तों को संभालती हैं, उसी निपुणता से बाहर भी अपने दायित्व का निर्वाह करती हैंं.
अर्पिता कुमारी ने कहा कि नारी सनातन शक्ति हैं. शुभम रश्मि व आरजू दागा ने महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला. सीमा साहा ने कहा कि वह लड़कियों और महिलाओं को सिलाई-कढ़ाई की ट्रेनिंग देकर उन्हें प्रशिक्षित कर रही हैं. मुख्य अतिथि डॉ अनीता सिंह ने कहा कि आज वह सफलता की जिस ऊंचाई पर पहुंची हैं, उसमें उनकी माता का ही योगदान है. डॉ सविता सेंगर ने कहा कि महिलाओं की ताकत को कभी भी पहचान नहीं मिली. डॉ रजनी गुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापन किया. कार्यक्रम का संचालन डॉ स्वाति पांडेय ने किया. इस अवसर पर डॉ शारदा प्रसाद की पुस्तक साहित्य और सामाजिक सरोकार के आवरण पृष्ठ को भी साझा किया गया. मौके पर डॉ रूमा सिन्हा, डॉ उमा सेन, डॉ डेजी, आराधना, चंचला शामिल थीं.