1100 गायक एक साथ गायेंगे रवींद्र संगीत, राउरकेला में जुटेंगे 103 गायक
महान कवि रवींद्रनाथ टैगोर की 163वीं जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय स्तर पर 11 राज्यों में एक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें एक ही समय पर देशभर के 1100 लोग गुरुदेव के 20 गीतों की शृंखला पेश करेंगे. ये कलाकार बगैर किसी संगीतकार के केवल ट्रेक पर रवींद्र संगीत की प्रस्तुति देंगे.
राउरकेला,
नोबेल पुरस्कार विजेता कवि गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के गीतों की प्रस्तुति के लिए विशेषकर रवींद्र संगीत को समर्पित संस्था गीतिमाल्या एक अनूठी प्रस्तुति का हिस्सा बनने जा रही है. महान कवि रवींद्रनाथ टैगोर की 163वीं जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय स्तर पर यह आयोजन हो रहा है. जिसमें एक ही समय पर देशभर से 1100 लोग गुरुदेव के 20 गीतों की शृंखला का प्रस्तुतिकरण अखिल भारतीय स्तर पर होगा. गीतिमाल्या संस्था से जुड़ी माना चक्रवर्ती बताती हैं कि वास्तव में यह एक अनोखा कार्यक्रम है. पहले, हम हर चार साल में कोलकाता में इस आयोजन में हिस्सा लेते थे. इस बार यह आयोजन 11 राज्यों में हो रहा है. प्रत्येक राज्य में 100 कलाकार भाग लेंगे और एक समय में ट्रैक पर गुरुदेव के 20 गाने गायेंगे. कोरस गायन की संरक्षक सुस्मिता नस्कर, जो ओडिशा में इस आयोजन का समन्वय करेंगी ने बताया कि इसमें राज्य से 103 कलाकार होंगे. कार्यक्रम 12 मई को है. उन्होंने बताया कि हालांकि टैगोर की जयंती आठ मई को मनायी जाती है. 11 राज्यों मध्यप्रदेश, झारखंड, ओडिशा, तमिलनाडु, कोलकाता, असम, नयी दिल्ली, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तेलंगाना में 1100 कलाकार गुरुदेव के 20 चयनित गीत गायेंगे. जिसमें ””एकला चलो, ठीक सुबह 10.30 बजे शुरु होगा. कार्यक्रम की एक अन्य सक्रिय समन्वयक कोयना दस्तीदार ने कहा कि हम ट्रैक पर गायेंगे और हमारे साथ कोई संगीतकार नहीं होगा. हम समय का पालन करेंगे ताकि सभी 1100 कलाकार एक बार में गायें और लगभग एक घंटे और तीस मिनट में गाने खत्म करें. राउरकेला में 83 कलाकार सामूहिक गायन में भाग लेने वाले हैं. “इसके अलावा, अन्य 20 कटक और भुवनेश्वर से आ रहे हैं. वे वहां ट्रैक पर अभ्यास कर रहे हैं.ओडिया गायक भी सीख रहे हैं रवींद्र संगीत
मीडिया से बीती शाम राउरकेला क्लब में बातचीत के दौरान एक अभ्यास सत्र का भी आयोजन हुआ. नस्कर ने बताया कि हमारे पास बहुसंख्यक बंगाली गायक हैं, लेकिन हमारे पास ओड़िया गायक भी हैं जो मुझसे रवींद्र संगीत सीख रहे हैं. अभ्यास सत्र राउरकेला के विभिन्न स्थानों जैसे सिविल टाउनशिप, बसंती कॉलोनी, कोयलनगर और अन्य क्षेत्रों में आयोजित किये जा रहे हैं.
11 मई को होगा अंतिम रिहर्सल
“रणनीति के तहत एक समय में पांच गानों का अभ्यास किया जा रहा है. एक बार जब हम उनमें महारत हासिल कर लेते हैं तो हम अगले पांच में चले जाते हैं. इस तरह हमने सभी गाने सीख लिये हैं. कोयना ने आगे बताया कि कटक और भुवनेश्वर से अन्य कलाकारों के आने के बाद 11 मई को अंतिम रिहर्सल किया जायेगा. सभी 103 कलाकार एक साथ गायेंगे और हम ट्रैक के साथ तालमेल बैठायेंगे, ताकि तकनीकी या अन्य कोई गड़बड़ी न हो.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है