संबलपुर चिड़ियाघर से 115 चित्तीदार हिरणों को किया जायेगा स्थानांतरित
हीराकुंड वन्यजीव प्रभाग ने एक प्रजाति संवर्धन कार्यक्रम शुरू किया है
संबलपुर, हीराकुंड वन्यजीव प्रभाग ने एक प्रजाति संवर्धन कार्यक्रम शुरू किया है, जिसके तहत 115 चित्तीदार हिरणों को संबलपुर चिड़ियाघर से ओडिशा के बरगढ़ जिले के डेब्रीगढ़ वन्यजीव अभयारण्य में स्थानांतरित किया जायेगा. इस कार्यक्रम के तहत मंगलवार तड़के 12 चित्तीदार हिरणों को चिड़ियाघर से अभयारण्य में सफलतापूर्वक स्थानांतरित किया गया. ”हीराकुंड वन्यजीव प्रभाग के डीएफओ और संबलपुर चिड़ियाघर के निदेशक, अंशू प्रज्ञान दास ने कहा कि डेब्रीगढ़ अभयारण्य में चित्तीदार हिरणों की आबादी बढ़ाने और संबलपुर चिड़ियाघर में उनकी संख्या कम करने के लिए पहल की जा रही है. इस प्रक्रिया से डेब्रीगढ़ अभयारण्य में शिकार को बढ़ाने में मदद मिलेगी और संबलपुर चिड़ियाघर में नये जानवरों के लिए जगह बनेगी. डीएफओ ने आगे कहा कि सुबह से शाम तक की प्रक्रिया के दौरान 12 से 16 चित्तीदार हिरणों को बैचों में स्थानांतरित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि 1.2 हेक्टेयर क्षेत्र को संगरोध बाड़े के रूप में सीमांकित किया गया है, जिसमें सॉल्टलिक, वॉटर पूल, उपचार देखभाल इकाई, सीसीटीवी कैमरे और बैकफ्लैश कैमरे से सुसज्जित है. दास ने कहा कि इन जानवरों को लगभग 3 से 4 सप्ताह तक संगरोध में रखा जाएगा और डेब्रीगढ़ के प्राकृतिक आवास के आदी होने के बाद ही उन्हें जंगल में छोड़ा जाएगा. कुल 353 वर्ग किमी क्षेत्र को कवर करने वाले डेब्रीगढ़ अभयारण्य में चित्तीदार हिरण का वर्तमान घनत्व 50 से 60 प्रति वर्ग किमी है. इसके बाद अभयारण्य में बाइसन 40 से 50 (प्रति वर्ग किमी), सांभर 30, और जंगली सूअर 60 से 70 हैं. इस साल की शुरुआत में, 10 ब्लैकबक्स और 8 हॉग हिरण को नंदकानन से संबलपुर चिड़ियाघर में स्थानांतरित किया गया था. संबलपुर चिड़ियाघर को अब रॉयल बंगाल टाइगर और मगर के आने का इंतजार है. दास ने कहा कि चिड़ियाघर के अधिकारियों द्वारा टाइगर के लिए ग्लास पैनल की दीवार वाला घेरा प्रस्तावित किया गया है.
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