Odisha News : ओडिशा के राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने गुरुवार को विधानसभा में बताया कि राज्य में पिछले पांच वर्षों में आकाशीय बिजली गिरने से 1,625 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक टंकधर त्रिपाठी के एक सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि 2019-20 से 2023-24 के दौरान पूरे राज्य में आकाशीय बिजली गिरने से कुल 1,625 लोगों की मौत हुई. वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान 372 लोगों, 2020-21 में 338 लोगों और 2021-22 के दौरान 294 लोगों की जान गयी.
राज्य में आकाशीय बिजली गिरने के कारण मौत का आंकड़ा देश में सबसे अधिक
पुजारी ने सदन को लिखित जवाब में बताया कि राज्य में 2022-23 में 334 और 2023-24 के दौरान 287 लोग आकाशीय बिजली गिरने के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं. प्रश्न पर चर्चा के दौरान मंत्री ने कहा कि इस अवधि के दौरान राज्य में आकाशीय बिजली गिरने के कारण मौत का आंकड़ा देश में सबसे अधिक है. उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में खनिज भंडार अधिक हैं, वहां बिजली गिरने से होने वाली मौतें अधिक होती हैं, क्योंकि खनिज विद्युत के अच्छे संवाहक होते हैं.
विधायकों ने बिजली से हुई मौतों पर अनुकंपा राशि बढ़ाने की मांग की
विधानसभा में आज बिजली गिरने से मौत के मामले में पीडितों के परिजनों को दी जाने वाली अनुकंपा सहायता राशि बढ़ाने की मांग की गयी. सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने यह मांग की. राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने भी इस प्रस्ताव पर सहमति जतायी और कहा कि जल्द ही इस पर निर्णय लिया जायेगा. आज विधायक टंकधर त्रिपाठी के मूल प्रश्न पर चर्चा के दौरान मूल प्रश्नकर्ता समेत बीजद विधायक अश्विनी पात्र ने भी बिजली गिरने से हुई मौतों पर अनुग्रह राशि बढ़ाने की मांग की. इसके जवाब में मंत्री श्री पुजारी ने कहा कि केंद्र सरकार ने आपदा प्रबंधन के लिए राज्य सरकार को 2200 से 2300 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की है. हमने इसके लिए 200 करोड़ रुपये आपदा नुकसान के लिए रखा है. यह फंड पर्याप्त है. इसलिए इस पर शीघ्र बातचीत कर निर्णय लिया जायेगा.मुख्यमंत्री ने बीजद सरकार की विशेष विकास परिषदों को किया भंग
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने राज्य की सभी 23 विशेष विकास परिषदों (एसडीसी) को भंग करने को मंजूरी दे दी है. इन परिषदों की स्थापना जनजातीय संस्कृति, परंपराओं, विरासत और पहचान के संरक्षण पर ध्यान केंद्रित करने के लिए की गयी थी. मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से यह जानकारी दी गयी है. पिछली बीजद सरकार ने कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से क्षेत्रों का विकास सुनिश्चित करने के लिए 2017 में नौ आदिवासी बहुल जिलों मयूरभंज, क्योंझर, सुंदरगढ़, गजपति, कंधमाल, रायगड़ा, मलकानगिरी, नवरंगपुर और कोरापुट में एसडीसी का गठन किया था. इसके बाद 2023 में, नवीन पटनायक सरकार ने 14 और जिलों में एसडीसी का गठन किया था. विपक्ष ने तब आरोप लगाया था कि 2024 के चुनाव को ध्यान में रखकर राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है. उस समय बीजद नेताओं को इन परिषदों का अध्यक्ष और सदस्य नियुक्त किया गया था.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है