Rourkela News: सुंदरगढ़ जिले के तीन वन मंडल में पांच साल में 37 हाथियों ने गंवाई जान
Rourkela News: सुंदरगढ़ जिले में गजराज की सुरक्षा के लिए बनीं योजनाओं में उचित प्रबंधन का अभाव देखा जा रहा है. जिससे राज्य सरकार और वन विभाग चिंतित हैं.
Rourkela News: सुंदरगढ़ जिले में विभिन्न कारणों से हाथियों की मौत हो रही है. जिनमें असुरक्षित जंगल, ट्रेन की टक्कर, बिजली का झटका और खाइयों में गिरना शामिल है. वहीं वर्षों से मानव-हाथी संघर्ष भी जारी है. 2024 के अंत तक सुंदरगढ़ जिले के सुंदरगढ़, बणई और राउरकेला वन मंडल में कुल 192 नर, मादा और शावक (बच्चे) मिले हैं. लेकिन पिछले पांच वर्षों में 2019 से 2024 तक कुल 37 हाथियों की मौत हुई है. सुंदरगढ़ जिले में दो महीने में औसतन एक हाथी की मौत हो रही है. इन पांच वर्षों में सबसे अधिक 18 हाथियों की मौत बणई वनमंडल, 16 हाथियों की मौत राउरकेला वन मंडल तथा तीन हाथियों की मौत सुंदरगढ़ वन मंडल में हुई है.
सरकार और वन विभाग की चिंता बढ़ी
सरकार हाथियों की सुरक्षा के लिए कई योजनाएं चला रही है. लेकिन इन योजनाओं के उचित प्रबंधन के अभाव में हाथियों की मौत की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. जिससे सरकार और वन विभाग दोनों की चिंताएं बढ़ गयी हैं. फरवरी 2019 में राउरकेला वन अभ्यारण्य के बिसरा रेंज के अंतर्गत मणिपानी आरक्षित वन में एक शिशु हाथी की खाई में गिरने से मौत हो गयी थी. इसी तरह 2019 में राउरकेला वन मंडल के बिसरा रेंज में दो और बांकी और पानपोष रेंज में एक-एक हाथी की मौत हो गयी थी. 2020 में बिसरा रेंज में खैरीटोला, कुआरमुंडा रेंज, कलुंगा में एक-एक हाथी की मौत हो गयी थी. 2021 में बिसरा रेंज के अंतर्गत महीपानी के पास ट्रेन की टक्कर से एक नर और एक मादा हाथी की मौत हो गयी थी. वर्ष 2022 में बांकी रेंज में दो और कुआरमुंडा रेंज में एक हाथी की मौत हो गयी.
पानपोष रेंज में 2024 में पांच हाथियों की मौत
2024 में पानपोष रेंज में अधिकतम तीन और बांकी रेंज में एक हाथी की मौत यानि कुल चार हाथियों की मौत हुई. 14 अक्तूबर, 2024 को बंडामुंडा स्टेशन के पास रेलवे लाइन पार करते समय ट्रेन की चपेट में आने से एक नर हाथी की मौत हो गयी थी. पिछले पांच वर्षों में बणई वन मंडल में मरने वाले 18 हाथियों में से कोइड़ा रेंज में 7, तामड़ा रेंज में 3, जरडा रेंज में 5, बरसुआं रेंज में 2 और बणई में एक की मौत हुई है. सुंदरगढ़ वन मंडल में 2020 में हेमगिर रेंज में दो और 2022 में उज्ज्लपुर रेंज में एक हाथी की मौत हुई थी.
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