Bhubaneswar News: भद्रक समेत ओडिशा के सभी 30 जिलों में जल्द ही मेडिकल कॉलेज स्थापित किये जायेंगे. यह जानकारी राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मुकेश महालिंग ने सोमवार को विधानसभा में दी. प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए मंत्री महालिंग ने मेडिकल कॉलेज स्थापित करने और डॉक्टरों की कमी को दूर करने के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि हमने अपने घोषणापत्र में राज्यभर में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने का वादा किया है. खाली पड़े डॉक्टर पदों को भरना हमारी प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि ओडिशा वर्तमान में स्वास्थ्यकर्मियों की भारी कमी का सामना कर रहा है. 5,014 डॉक्टर पद, जिनमें 1,114 विशेषज्ञ पद शामिल हैं, खाली पड़े हैं. इसके अलावा, 30 जिलों में 375 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिना डॉक्टरों के संचालित हो रहे हैं. गंजाम जिले में सबसे अधिक 450 रिक्तियां हैं, इसके बाद मयूरभंज में 309 पद खाली हैं.
5000 चिकित्सकों व 3000 पैरामेडिकल स्टाफ की होगी भर्ती
मंत्री ने बताया कि चिकित्सा भर्ती प्रक्रिया में कुछ संशोधन किये गये हैं, जिन्हें मुख्यमंत्री मोहन चरन मांझी ने मंजूरी दी है. इसके तहत 5,000 डॉक्टरों की भर्ती के लिए विज्ञापन जल्द ही जारी किया जायेगा. साथ ही, 3,000 पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती प्रक्रिया भी शीघ्र शुरू होगी. राज्य की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए महालिंग ने कहा कि 2014 के बाद स्थापित प्रत्येक 100-बेड वाले मेडिकल कॉलेज के लिए 250-300 करोड़ रुपये खर्च किये जा रहे हैं. इससे पहले सितंबर में, मुख्यमंत्री मांझी ने राज्य के सभी 30 जिलों में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए स्वास्थ्यकर्मियों की भर्ती को प्राथमिकता देने की बात दोहराई थी.
पांच वर्षों में राज्य के 594 सरकारी कर्मचारियों को रिश्वत लेते पकड़ा गया : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने सोमवार को विधानसभा में बताया कि पिछले पांच वर्षों में ओडिशा सरकार के कुल 594 कर्मचारियों को रिश्वत लेते पकड़ा गया है. इस संबंध में पूछे गये एक प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि विजिलेंस विभाग ने पांच वर्षों (1 जनवरी, 2019 से 31 दिसंबर, 2023 तक) के दौरान सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ कुल 447 मामले दर्ज किये हैं. इसी अवधि में रिश्वत लेने के आरोप में 594 सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ मामले दर्ज किये गये. पांच वर्षों में 911 विजिलेंस मामलों की न्यायिक प्रक्रियाएं पूरी की गयी हैं. इनमें से 30 मामले इस अवधि में दायर किये गये. इन 30 मामलों में से 11 सरकारी कर्मचारियों को विभिन्न विजिलेंस अदालतों ने दोषी ठहराया, 12 को बरी किया गया और आरोपियों का ट्रायल के दौरान निधन होने के कारण सात मामलों को बंद कर दिया गया.पांच वर्षों में 59,437 लोग ऑनलाइन धोखाधड़ी के हुए शिकार : सीएम
पिछले पांच वर्षों में ओडिशा में कम से कम 59,437 लोग ऑनलाइन ट्रेडिंग धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं. यह जानकारी मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने सोमवार को विधानसभा में दी. विधायक तारा प्रसाद वाहिनीपति के एक सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने हाल के वर्षों में ऐसे मामलों में तेज वृद्धि के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि 2019 में, ऑनलाइन ट्रेडिंग धोखाधड़ी के केवल 18 मामले दर्ज किये गये थे, जो 2020 में थोड़ा बढ़कर 28, 2021 में 22 और 2022 में 105 हो गये. हालांकि, 2023 में स्थिति गंभीर हो गयी, जब 18,994 लोग ठगी के शिकार हुए. 2024 में यह प्रवृत्ति और तेज हो गयी, जब वर्ष के पहले 11 महीनों में ही 40,270 मामले दर्ज किये गये है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है