जल संचय परियोजनाओं पर 63 करोड़ रुपये हुए खर्च, लोगों को नहीं मिल रहा लाभ

आरएमसी की ओर से राउरकेला व आस-पास में 63 करोड़ रुपये से अधिक की जल संचय परियोजनाएं शुरू की गयीं. लेकिन आधा-अधूरा काम होने के कारण लोगों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 9, 2024 12:26 AM

राउरकेला. राउरकेला महानगर निगम (आरएमसी) क्षेत्र में पिछले चुनावी वर्ष के दौरान सैकड़ों जल संचयन परियोजनाएं बनायी गयीं. इन परियोजनाओं से कहां और कितना जल संचयन हो रहा है, यह एक बड़ा प्रश्न है. मुख्यमंत्री कर्म तत्पर अभियान (मुक्ता) निधि से वर्षा जल संचयन परियोजनाओं के निर्माण के लिए स्वयं सहायता समूहों को प्रति परियोजना 32 हजार 800 रुपये वितरित किये गये थे. लेकिन एसएचजी के बजाय ठेकेदार से इसका काम कराया गया था. यह काम आरएमसी के कनिष्ठ अभियंता की देखरेख में किया गया था. इसमें प्रत्येक एसएचजी समूह को 15 से 20 कार्य सौंपे गये थे. लेकिन जिन स्थानों पर काम होना था, वहां पर अधिकतर स्थानों पर काम ही नहीं हुआ है. जानकारी के अनुसार, एसएचजी समूह ने केवल दीवार पर कार्य का विवरण लिखकर अपना काम पूरा कर लिया है. उदाहरण के तौर पर आरएमसी वार्ड नंबर-11 के तहत राउरकेला औद्योगिक एस्टेट को लिया जा सकता है. यहां एक सूचना बोर्ड लगा है, जिसमें बताया गया है कि प्रोजेक्ट पर 3 लाख 93 हजार 599 रुपये खर्च हुए हैं और 93 हजार 930 रुपये मजदूरी में लगे हैं. लेकिन जिस दीवार पर प्रोजेक्ट का सूचना बोर्ड लगा है, वहां इड्को की ओर से ड्रेन का निर्माण कराया गया है. केवल इस एक स्थान पर ही नहीं, अन्य किसी भी स्थान पर वर्षा जल संचयन परियोजना का कोई नामोनिशान नहीं है.

उद्देश्यों से भटकीं परियोजनाएं

एसएचजी की ओर से सेक्टर-21 नया बाजार, वेदव्यास, झारतरंग, लॉ कॉलेज नयाबाजार के पास, ओएसएपी चौथी बटालियन, सरकारी आइटीआइ के पास शांति नगर, औद्योगिक क्षेत्रों सहित सिविल हाउसिंग, फर्टिलाइजर, स्टील टाउनशिप में सैकड़ों परियोजनाएं शुरू की गयीं. लेकिन अधिकतर स्थानों पर या तो परियोजना का काम हुआ ही नहीं, अथवा हुआ भी है तो जिस उद्देश्य से इसका निर्माण किया गया था, वह पूरा होता दिखायी नहीं देता. इस तरह मुक्ता योजना पर 63 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किये गये. जबकि इन परियोजना का लाभ आम जनता को मिलता नहीं दिखायी दे रहा है.

अधिकतर परियोजनाओं में 30 फीसदी काम नहीं हुआ, जांच की मांग

आरएमसी के एक अधिकारी ने बताया है कि सेक्टर-21 नयाबाजार में 21, सिविल टाउनशिप खटाल बस्ती में सर्वाधिक 30, उदितनगर माइनिंग कालोनी में 12, ओएसएपी चतुर्थ बटालियन परिसर में 20 परियोजना बनायी गयी है. राउरकेला शिल्पांचल की भांति इन सभी स्थानों पर जितनी सूची दी गयी है. उनमें से 30 फीसदी काम हुआ ही नहीं है. जिससे इसकी विधिवत जांच कराये जाने की मांग हो रही है.

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