Rourkela News: राजगांगपुर ब्लॉक में पाइप से पेयजल आपूर्ति योजना की 70 फीसदी राशि हुई खर्च, नहीं मिला साफ पानी

Rourkela News: राजगांगपुर विधायक डॉ सीएस राजेन एक्का ने विधानसभा में राजगांगपुर ब्लॉक में पाइप से पेयजल आपूर्ति योजना का मुद्दा उठाया.

By Prabhat Khabar News Desk | December 7, 2024 12:09 AM

Rourkela News: ओडिशा विधानसभा के शीतकालीन सत्र में राजगांगपुर विधायक डॉ सीएस राजन एक्का ने सरकार को घेरते हुए प्रश्न उठाया कि लोगों को शुद्ध पेयजल कब मिलेगा. इसके जवाब में मंत्री ने वादा किया कि वे अगले महीने अपने अमले के साथ राजगांगपुर विधानसभा क्षेत्र का सर्वेक्षण करने जायेंगे और देखेंगे कि क्या क्या हुआ है, कितना खर्च किया गया और कितना काम बाकी है. विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान राजगांगपुर विधायक डॉ सीएस राजन एक्का ने बताया कि राजगांगपुर विधानसभा के कुतरा, राजगांगपुर सहित अन्य क्षेत्रों में समय-समय पर हुए समझौते के तहत घरों में पाइप से पानी पहुंचाने की जो कार्ययोजना शुरू की गयी थी, वह 2019 से समाप्त हो गयी है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार परियोजना पर लगभग 70 प्रतिशत राशि खर्च हो चुकी है, लेकिन अभी भी लोगों को शुद्ध पानी उपलब्ध नहीं हो पाया है. पानी नियमित रूप से कहां से आयेगा, इसका सटीक जवाब अभी किसी के पास नहीं है.

प्रत्येक विधायक को ट्यूबवेल लगाने के लिए मिले अनुदान

इस योजना के लागू होने के बाद जिलों में पानी की कमी होने के बावजूद सरकार ने ट्यूबवेल लगाना भी बंद कर दिया है. इसलिए प्रत्येक विधायक को 100 ट्यूबवेल लगाने के लिए अनुदान देने का अनुरोध भी विधायक द्वारा किया गया. साथ ही इस योजना का सफलता पूर्वक कार्यान्वयन नहीं होने के लिए दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की गयी है.

राजगांगपुर ब्लॉक को मिला था 142 करोड़ का अनुदान

स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार ने ‘हर घर जल’ योजना की शुरुआत की थी, जिसके लिए केंद्र सरकार ने प्रत्येक राज्य को करोड़ों रुपये दिये हैं. आरोप है कि वर्षों बाद भी राज्य सरकार कार्रवाई करने में विफल रही है. इस योजना के तहत राजगांगपुर ब्लॉक को 142 करोड़ का अनुदान दिया है, लेकिन पांच साल बाद भी यह योजना पूरी नहीं हो पायी है, जिससे राजगांगपुर की 20 पंचायतों में लोग इस योजना से वंचित हैं. पाइप लाइन बिछाई गयी, पानी की टंकियां तैयार की गयीं, लेकिन कहीं भी पानी नहीं पहुंचा. एक नहीं लगभग सभी पंचायतों में यही हाल है.

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