भुवनेश्वर. ओडिशा सरकार ने पुरी में श्रीजगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार को दोबारा खोलने की प्रक्रिया की निगरानी के लिए एक नयी उच्च स्तरीय समिति गठित की है, ताकि उसमें रखी कीमती वस्तुओं की सूची तैयार की जा सके. ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने गुरुवार रात संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस संबंध में उड़ीसा उच्च न्यायालय के निर्देश के अनुसार समिति का गठन किया गया है. इस साल मार्च में पूर्ववर्ती बीजू जनता दल सरकार ने रत्न भंडार में रखे आभूषणों और अन्य मूल्यवान वस्तुओं की सूची की निगरानी के लिए उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरिजीत पसायत की अध्यक्षता में 12 सदस्यीय समिति का गठन किया था. भाजपा सरकार ने न्यायमूर्ति पसायत के नेतृत्व वाली 12 सदस्यीय समिति को भंग कर दिया है.
एसजेटीए के मुख्य प्रशासक समिति के संयोजक सदस्य नियुक्त
16 सदस्यीय नयी कमेटी की अध्यक्षता उड़ीसा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति विश्वनाथ रथ करेंगे. विधि विभाग ने न्यायमूर्ति रथ की अध्यक्षता में 16 सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति को भी अधिसूचित किया है. श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक को समिति का संयोजक सदस्य नियुक्त किया गया है. समिति के कुछ सदस्यों में डॉ सीबीकेके मोहंती, सुदर्शन पटनायक, स्वामी प्रज्ञानानंद, पूर्व डीजीपी प्रकाश मिश्र शामिल हैं. गजपति महाराज के प्रतिनिधि और एएसआइ के प्रतिनिधि इस समिति में होंगे.
आंतरिक कक्ष खोलने की प्रक्रिया व तिथि तय करेगी समिति
इस बारे में जानकारी देते हुए कानून मंत्री हरिचंदन ने कहा कि ओडिशा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति विश्वनाथ रथ की अध्यक्षता में 16 सदस्यीय नयी समिति 6 जुलाई को पुरी में रत्न भंडार के खोलने की तारीख तय करने के लिए अपनी बैठक करेगी. समिति आंतरिक कक्ष की मरम्मत और इसके अंदर संग्रहित कीमती सामानों की सूची के लिए तौर-तरीके भी तैयार करेगी. उन्होंने कहा कि कमेटी यह भी तय करेगी कि 12वीं सदी के मंदिर के खजाने में संग्रहित कीमती सामानों की गुणवत्ता की जांच करने में कौन सी बाहरी एजेंसियां शामिल होंगी. उन्होंने कहा कि समिति की सिफारिश के अनुसार राज्य सरकार रत्न भंडार को फिर से खोलने के लिए अपनी भावी कार्रवाई तय करेगी.
उल्लेखनीय है कि रत्न भंडार की सुरक्षा को लेकर भाजपा नेता समीर मोहंती द्वारा दायर जनहित याचिका का 29 सितंबर, 2023 को निबटारा करते हुए हाइकोर्ट ने सरकार को एक उच्च स्तरीय समिति गठित करने का निर्देश दिया था.भाजपा सरकार ने गलत मंशा से भंग की रत्न भंडार कमेटी : बीजद
भुवनेश्वर. नवीन पटनायक सरकार द्वारा रत्न भंडार को लेकर जस्टिस अरिजीत पशायत की अध्यक्षता में गठित कमेटी को भंग किये जाने के फैसले पर बीजू जनता दल ने सवाल उठाया है. प्रतिपक्ष की मुख्य सचेतक प्रमिला मलिक ने कहा कि गलत मंशा से भाजपा सरकार ने जस्टिस पशायत की अध्यक्षता में गठित कमेटी को भंग किया है. भाजपा सरकार रत्न भंडार को लेकर विभिन्न समय पर अलग-अलग बातें कह रही है. ओडिशा की जनता इसे ठीक से जानती है. भाजपा सरकार सही रास्ते पर कतई नहीं जायेगी. वे केवल लोगों को भ्रमित करेंगे.विधि मंत्री ने बीजद पर जमकर निशाना साधा
रत्न भंडार को लेकर नयी कमेटी के गठन पर सवाल उठाये जाने पर राज्य के विधि मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने बीजद पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बीजद सरकार 24 सालों के शासन के बाद भी रत्न भंडार को खोल नहीं सकी. आभूषणों की गिनती करने में नाकाम रही. अब कमेटी को क्यों भंग किया उसे लेकर सवाल उठा रहे हैं. इससे दुर्भाग्यपूर्ण बात और क्या हो सकती है. प्रतिपक्ष की मुख्य सचेतक प्रमिला मलिक द्वारा दिये गये बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य के विधि मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा कि राज्य में नयी सरकार को गठित हुए 20-25 दिन हुए हैं. रत्न भंडार खोले जाने को लेकर नयी सरकार कदम उठा रही है. नयी कमेटी का गठन किया किया गया है. रत्नभंडार कब खोला जायेगा, इस बारे में शनिवार को कमेटी अपनी बैठक में निर्णय लेगी. रत्न भंडार में रखी गयी चीजों की गिनती की जायेगी. प्रत्येक आर्टिकल का डिजिटाइजेशन किया जायेगा और डिजिटल फोटो कॉपी की जायेगी. सभी को प्रिजर्व किया जायेगा. 50 सालों तक इसे रेफरल डॉक्यूमेंट की तरह इस्तेमाल किया जायेगा. इस कारण बीजू जनता दल को इस तरह के बयान देने से बचना चाहिए.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है