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अलारनाथ मंदिर भक्तों के लिए खुला, भक्तों की उमड़ी भीड़

पवित्र स्नान के बाद महाप्रभु बीमार पड़ गये हैं. इस अवधि में श्रीमंदिर बंद रहेगा. भक्त ब्रह्मगिरी स्थित अलारनाथ मंदिर में प्रभु के दर्शन कर सकेंगे.

पुरी. देवस्नान पूर्णिमा पर पवित्र स्नान के बाद भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा बीमार पड़ गये हैं. अणसर गृह में रखकर उनका उपचार किया जा रहा है. इस अवधि में पुरी स्थित प्रसिद्ध श्रीमंदिर में दर्शन बंद रहेगा. अब रथयात्रा के दिन प्रभु भक्तों को दर्शन देंगे. इस अवधि में ब्रह्मगिरी के प्रसिद्ध अलारनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना करने का विधान है. जिस कारण रविवार को यहां पूजन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है. मान्यता है कि देवस्नान पूर्णिमा के बाद महाप्रभु जगन्नाथ 15 दिनों के लिए भगवान अलारनाथ के रूप में प्रकट होते हैं. इस दौरान उनके दर्शन से वही सौभाग्य और कल्याण प्राप्त होता है, जो चतुर्धामूर्ति का दर्शन करने से मिलता है. यही कारण है कि पुरी से 25 किलोमीटर दूर ब्रह्मगिरी में अलारनाथ मंदिर में भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है.

भक्तों को श्रीमंदिर की तरह ही मिलता है महाप्रसाद

अलारनाथ मंदिर के गर्भगृह में चार भुजाओं में शंख, चक्र, गदा और पद्म धारण किये भगवान विष्णु की खड़ी मूर्ति की पूजा की जाती है. मूर्ति काले क्लोराइट से बनी है. भगवान के वाहन गरुड़ को प्रार्थना की मुद्रा में हाथ जोड़कर देवता के चरणों में देखा जा सकता है. अलारनाथ मंदिर में आने वाले भक्तों को पुरी के श्रीमंदिर की तरह ही ‘आनंद बाजार’ में ‘महाप्रसाद’ भी मिलता है. यहां भगवान अलारनाथ को उतना ही प्रसाद चढ़ाया जाता है, जितना आम दिनों में श्रीमंदिर में भगवान जगन्नाथ को चढ़ाया जाता है.

पुरी श्रीमंदिर को जल्द ही मिलेगा स्थायी प्रशासक : कानून मंत्री

ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने रविवार को कहा कि श्रीमंदिर के स्थायी प्रशासक की नियुक्ति जल्द की जायेगी. नवगठित भाजपा सरकार ने कथित तौर पर इस संबंध में प्रक्रिया शुरू कर दी है. नवगठित सरकार के पहले 100 दिवसीय एजेंडे में श्रीमंदिर के पूर्णकालिक प्रशासक की नियुक्ति पर जोर दिया जायेगा. हरिचंदन के अनुसार, हालांकि हाल के दिनों में श्रीमंदिर के प्रबंधन में कोई समस्या नहीं आयी है, लेकिन स्थायी प्रशासक की नियुक्ति जरूरी हो गयी है और सरकार जल्द ही इस संबंध में स्पष्ट निर्णय लेगी. हरिचंदन ने कहा कि हमें किसी भी कीमत पर श्रीमंदिर के पूर्णकालिक प्रशासक की नियुक्ति करनी होगी. दर्शन और सभी अनुष्ठानों सहित श्रीमंदिर की सभी प्रक्रियाओं का पालन करने और उन्हें उचित नियंत्रण में रखने की जरूरत है. हमने इस बारे में पहले ही चर्चा शुरू कर दी है.

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