Rourkela News: स्टील सिटी के कलाकारों ने नये सिविक सेंटर में शनिवार की शाम बॉलीवुड की प्रसिद्ध पार्श्वगायिका लता मंगेशकर की जयंती पर संगीतमय कार्यक्रम आयोजित कर स्वरांजलि दी. लता मंगेशकर फैन क्लब के सौजन्य से ‘मेरी आवाज ही पहचान है’ कार्यक्रम का सातवां संस्करण आयोजित हुआ. मुख्य अतिथि के रूप में राउरकेला इस्पात संयंत्र के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी सीएमओ डॉ जयंत कुमार आचार्य, विशिष्ट अतिथि आर्ट ऑफ लिविंग के वरिष्ठ प्रशिक्षक और चार्टर्ड अकाउंटेंट भगवान दास शिवहरे, आरएसपी के मुख्य महाप्रबंधक (प्रोजेक्ट, वाणिज्यिक) गिरिजा शंकर दास, उद्यमी और सामाजिक कार्यकर्ता कमल अग्रवाल, अनीता अग्रवाल मंचासीन थे. मौके पर आरएसपी के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे.
पुनर्निर्मित थिएटर में शहरवासियों ने संगीत का आनंद लिया
कार्यक्रम के प्रारंभ में भगवान दास शिवहरे ने लता मंगेशकर के संगीतमय जीवनी पर संक्षिप्त प्रस्तुति दी. सुंदर प्रकाश व्यवस्था और डिजिटल ध्वनि प्रारूप के साथ पुनर्निर्मित थिएटर में शहरवासियों ने संगीत का आनंद लिया. संगीतमय शाम की शुरुआत फिल्म ‘प्रेमरोग’ के गीत ‘ये गलियां ये चौबारा’… के साथ हुई, जिसमें बलजीत सिंह ने अभिनय किया. संगीत कार्यक्रम की शुरुआत ओड़िया सिनेमा की गायिका बासव दत्ता द्वारा गाये गये लता मंगेशकर के फिल्म अमर प्रेम के गीत ”रैना बीती जाये, श्याम ना आये” की प्रस्तुति से हुई. कार्यक्रम के अन्य आकर्षण प्रसिद्ध गायक विनय मोहंती थे, जिन्होंने मुंबई में अपनी बॉलीवुड फिल्म की शुरुआत की थी. विनय मोहंती द्वारा संगीतबद्ध सनी फिल्म के सुपरहिट गीत ‘जाने क्या बात है’ की प्रस्तुति से दर्शक मंत्रमुग्ध हो गये. बासव दत्ता और विनय मोहंती के युगल स्वर में कई पुराने गीतों की जोरदार प्रस्तुति ने दर्शकों को बांधे रखा. शहर की अन्य प्रतिभाशाली गायक अर्चना शतपथी, इति पटनायक, शुभस्मिता दास, आकांक्षिका, देवजीत रावा, डॉ पीके साहू, सत्यव्रत मिश्र, सुखपाल सिंह, सुरेश झुनझुनवाला ने कई मधुर गीत प्रस्तुत किये.
लता के सदाबहार गीतों से महफिल में लगे चार चांद
इस अवसर पर शिवहरे ने 1960 के दशक की फिल्म सट्टा बाजार से ‘तुम्हें याद होगा’ की प्रस्तुति भी दी. कलाकारों ने ‘दिल में तुम्हें बिठा के’, ‘ना जाने क्यूं’, ‘हुस्न पहाड़ों का’, ‘गुमनाम है कोई’, ‘जिया लागे ना’, ‘तेरे मेरे मिलन की ये रैना’ जैसे सदाबहार गानों से संगीतमय शाम में चार चांद लगा दिए. बलजीत सिंह ने सैक्सोफोन पर लता के मधुर गीत काे प्रस्तुत किया. संगीतमय शाम का समापन बासव दत्ता द्वारा फिल्म ‘दिल अपना और प्रीत परायी’ के सदाबहार गीत ‘अजीब दास्तां हैं ये’ की प्रस्तुति के साथ हुआ. आरंभ में अतिथियों ने विनय मोहंती का अभिनंदन किया. कार्यक्रम का संचालन श्याम पाटोदिया एवं डॉ उषा मिश्रा ने किया. संचालन आरएसपी के जनसंपर्क उप सचिव शशांक पटनायक ने की.
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