Rourkela News: आप निर्माता हैं, प्रगतिशील बनें और एक बेहतर दुनिया का निर्माण करें: अतनु भौमिक
Rourkela News: द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स की ओर से 57वां इंजीनियर्स दिवस समारोह सिविल सेंटर में आयोजित किया गया. इसमें आरएसपी के डीआइसी ने इंजीनियर्स का हौसला बढ़ाया.
Rourkela News: राउरकेला स्टील प्लांट के प्रभारी निदेशक अतनु भौमिक ने इंजीनियर्स डे पर इंजीनियरों से कहा कि आप निर्माता हैं, प्रगतिशील बनें और एक बेहतर दुनिया का निर्माण करें. 15 सितंबर को सिविक सेंटर में राउरकेला स्टील प्लांट (आरएसपी) के सहयोग से द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) राउरकेला स्थानीय केंद्र द्वारा आयोजित 57वें इंजीनियर्स दिवस समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने उक्त बातें कही. उल्लेखनीय है कि भारत के महानतम इंजीनियरों में से एक, भारत रत्न सर एम विश्वेश्वरैया की जयंती के उपलक्ष्य में हर साल इंजीनियर्स दिवस मनाया जाता है. एनआइटी राउरकेला के प्रभारी निदेशक प्रोफेसर प्रदीप सरकार और आरएसपी के मुख्य महा प्रबंधक (आयरन) बीआर पलई कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे, जबकि ओडिशा के पूर्व विशेष पुलिस महानिदेशक डॉ ललित दास सम्मानित अतिथि सह मुख्य वक्ता थे. राउरकेला स्थानीय केंद्र इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) के अध्यक्ष संतोष कुमार पोलाकी और मानद सचिव डॉ अजीत बेहेरा भी इस अवसर पर उपस्थित थे. इस वर्ष के समारोह का विषय ‘नवीनतम एआइ संचालित प्रौद्योगिकियों को अपनाने वाले इंजीनियरिंग समाधानों के साथ स्थिरता को आगे बढ़ाना’ था.
एआइ के उपयोग में मानव बुद्धि के महत्व को रेखांकित किया
कार्यक्रम का प्रारंभ में सर एम विश्वेश्वरैया की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गयी. अपने संबोधन में श्री भौमिक ने इस्पात उद्योग की स्थिरता पहलू और सेल की विस्तार योजना पर चर्चा की. उन्होंने उत्पादन की मात्रा में कोई समझौता किये बिना आरएसपी में तीन फर्नेसों के स्थान पर दो ब्लास्ट फर्नेस के संचालन का उदाहरण देते हुए मानव बुद्धि के महत्व को रेखांकित किया, जो कृत्रिम बुद्धि के समुचित उपयोग के लिए अत्यंत आवश्यक है. बीआर पलाई ने अपने संबोधन में इंजीनियरिंग के क्षेत्र में तेजी से हो रहे विकास और इसके साथ तालमेल बनाये रखने के महत्व पर प्रकाश डाला. इस अवसर पर बोलते हुए प्रोफेसर प्रदीप सरकार ने विस्तार से बताया कि किस तरह इंजीनियरों ने अकल्पनीय को हकीकत में बदल दिया है. उन्होंने कहा कि कुछ शताब्दियों पहले सबसे अमीर राजा-रानियों ने भी दुनिया के दूसरे कोने में जाने के बारे में नहीं सोचा था, जबकि आज एक आम व्यक्ति भी इन सुविधाओं का लाभ उठा सकता है. पौराणिक कथाओं और उपाख्यानों से सजी अपनी रोचक प्रस्तुति में डॉ ललित दास ने बताया कि किस तरह उचित नियंत्रण के बिना कृत्रिम बुद्धि भस्मासुर बन सकती है.
तकनीकी पेपर के वक्ताओं को किया गया सम्मानित
इस अवसर पर इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया), राउरकेला स्थानीय केंद्र के पूर्व अध्यक्ष एवं पूर्व महा प्रबंधक (आरएसपी) पीके मेहरोत्रा के साथ-साथ पूर्व सचिव आइइआइ, राउरकेला स्थानीय केंद्र के प्रोफेसर और सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख, एनआइटी, राउरकेला के प्रोफेसर सुरेश प्रसाद सिंह को अतनु भौमिक द्वारा सम्मानित किया गया. कार्यक्रम के दौरान तकनीकी पेपर के वक्ताओं और अखिल भारतीय सेमिनारों के संयोजकों को भी सम्मानित किया गया. प्रारंभ में श्री पोलाकी ने समारोह का स्वागत किया. सर एम विश्वेश्वरैया के जीवन और योगदान पर एक प्रस्तुति दी गयी. उपस्थित लोगों को इंजीनियर्स डे की शपथ दिलायी गयी. डॉ अजीत बेहेरा ने धन्यवाद ज्ञापित किया. एनआइटी राउरकेला की डॉ रचना शेरावत ने कार्यक्रम का संचालन किया.
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