Rourkela News: ओडिशा के 52 वन प्रभाग में पक्षियों की गणना शुरू, विदेशी मेहमानों की संख्या बढ़ने की उम्मीद से वन विभाग उत्साहित

Rourkela News: सुंदरगढ़ समेत ओडिशा के 52 वन प्रभागों में पक्षियों की गणना शनिवार से शुरू हुई है.

By Prabhat Khabar News Desk | January 19, 2025 12:14 AM

Rourkela News: ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले समेत 52 वन प्रभागों में शनिवार को पक्षियों की गणना शनिवार को शुरू हुई है. सुंदरगढ़ जिले के तीन वन प्रभागों में शीतकालीन पक्षी गणना में पता चला है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल ज्यादा विदेशी पक्षी पहुंचे हैं. इससे वन विभाग की टीमें उत्साहित हैं. बणई वन प्रभाग के सात रेंजों में 18 टीमें पक्षी गणना में लगी हैं, जबकि राउरकेला वन प्रभाग के छह रेंजों में 17 टीमें पक्षी गणना कर रही हैं.

2024 में 34 प्रजाति के पक्षियों की हुई थी पहचान

जराडा, सोल, कुलीपोश, बरसुवां, कोइड़ा आदि रेंजों और राउरकेला के बांकी, चांदीपोष, बिसरा, राजगांगपुर, बिरमित्रपुर, पानपोस रेंजों में पक्षियों की गणना का काम चल रहा है. गठित टीमें विभिन्न जल निकायों और नदियों के पास पक्षी गणना कर रही हैं. डीएफओ, एसीएफ, रेंजर, फॉरेस्टर, वनरक्षक समेत वनकर्मी पक्षी गणना में शामिल हैं. विदेशी पक्षियों की संख्या और पक्षियों की प्रजातियों की पहचान की जा रही है. बणई डीएफओ ललित मोहन पात्र तथा राउरकेला डीएफओ जशवंत सेठी भी इस गिनती में शामिल हुए. 2024 में बणई वन में पक्षियों की 34 प्रजातियों की पहचान की गयी थी, जिनमें से 15 प्रजातियां विदेशी थीं. सात रेंजों में 4,100 से अधिक पक्षियों की पहचान की गयी. डीएफओ ने बताया कि इस वर्ष और अधिक पक्षी आयेंगे.

चिल्का झील, भितरकनिका उद्यान और हीराकुद पर विशेष फोकस

ओडिशा में प्रवासी पक्षियों के सर्वेक्षण के लिए वार्षिक गणना शनिवार सुबह 5:00 बजे से सभी 52 वन प्रभागों में की जा रही है. सर्दियों के दौरान प्रवासी पक्षियों की गिनती के लिए विशेष ध्यान चिल्का झील, भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान और हीराकुद जैसे क्षेत्रों पर दिया जायेगा. सर्वेक्षण की प्रक्रिया 16 जनवरी से शुरू हो चुकी है, यानी दो दिन पहले. कुछ फ्लेमिंगो के पैरों में रिंग लगाकर पक्षियों को ट्रैक करने की व्यवस्था की गयी है. जानकारी के अनुसार, राज्य वन विभाग ने चिल्का और हीराकुद के लिए 21 टीमों और भितरकनिका के लिए 18 टीमों का गठन किया है. प्रत्येक टीम में एक पक्षी वैज्ञानिक, वन विभाग के कर्मी, और 5-6 अतिरिक्त सदस्य शामिल हैं. चिल्का झील में गिनती बालुगांव, सातपडा, नुआपड़ा, टांगी, और रंभा क्षेत्रों में की जायेगी, जबकि हीराकुद बांध में सर्वेक्षण 550 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में किया जायेगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version