बीजद प्रत्याशी दीपाली दास ने हाईकोर्ट में दी याचिका, विधायक टंकधर व अमिता की उम्मीदवारी रद्द करने की मांग
झारसुगुड़ा विस चुनाव में पराजित बीजद उम्मीदवार दीपाली दास ने उड़ीसा हाईकोर्ट में याचिका दायर कर विधायक टंकधर त्रिपाठी और कांग्रेस उम्मीदवार अमिता बिस्वाल की उम्मीदवारी रद्द करने की मांग की है.
झारसुगुड़ा. झारसुगुड़ा विधानसभा चुनाव में पराजित बीजद की उम्मीदवार दीपाली दास ने नवनिर्वाचित भाजपा विधायक टंकधर त्रिपाठी तथा कांग्रेस की प्रत्याशी अमिता बिस्वाल की उम्मीदवारी पर सवाल उठाया है. वहीं उनकी उम्मीदवारी के खिलाफ उड़ीसा हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. इसमें दीपाली दास ने आरोप लगाया है कि विधायक टंकधर ने अपने हलफनामा में कई जानकारियों को छिपाया है. उन्होंने साथ ही मतदान और मतगणना के दौरान इवीएम का नंबर मेल नहीं खाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार अमिता बिस्वाल के हलफनामा में त्रुटि होने की शिकायत भी की है. हाईकोर्ट की ओर से उनकी याचिका स्वीकार किये जाने की सूचना मामले की पैरवी कर रहे वकील पी राममोहन राव ने दी है.
टंकधर त्रिपाठी ने आपराधिक मामले व संपत्ति की दी गलत जानकारी
दीपाली दास ने आरोप लगाया है कि विधायक टंकधर त्रिपाठी ने नामांकन में अपने खिलाफ आपराधिक मामला होने व संपत्ति को लेकर जो जानकारी दी है, वह गलत है. उन्होंने अपने खिलाफ 10 आपराधिक मामला दर्ज होने का उल्लेख हलफनामा में किया है, जबकि उनके खिलाफ 14 आपराधिक मामले दर्ज हैं. वहीं नान ज्यूडिशियल स्टांप पेपर में नामांकन दाखिल कर व्यवस्था के विरुद्ध कार्य किया है. साथ ही अपनी चल व अचल संपत्ति का पूरा तथ्य नहीं दिया है. इसी प्रकार कांग्रेस की उम्मीदवार अमिता बिस्वाल ने नामांकन के समय एक हलफनामा दाखिल किया था. लेकिन बाद में पुन: एक और अतिरिक्त हलफनामा दाखिल करने को लेकर दीपाली ने अपनी याचिका में सवाल उठाया है. उनका कहना है कि हलफनामा खुद प्रार्थी या फिर उनके प्रस्तावक ही दाखिल कर सकते हैं. जबकि उनका दूसरा हलफनामा एक वकील ने दाखिल किया था, जो नियम के विरुद्ध है.
भाजपा व कांग्रेस प्रत्याशी की उम्मीदवारी रद्द हो
दीपाली दास ने भाजपा उम्मीदवार व विधायक टंकधर त्रिपाठी, कांग्रेस उम्मीदवार अमिता बिस्वाल दोनों की उम्मीदवारी को अवैध घोषित करने की मांग अपनी याचिका में की है. साथ ही उनका कहना है कि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा विश्वास है और उन्हें आशा है कि बहुत जल्द कोर्ट इस पर अपना फैसला सुनायेगी.
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