भुवनेश्वर. ओडिशा विधानसभा सत्र के दूसरे चरण के दूसरे दिन बुधवार को प्रथमार्ध में विपक्षी बीजद व कांग्रेस के विधायकों के हंगामे के कारण सदन में कोई कामकाज नहीं हो सका. बीजद के विधायकों ने गंजाम जिले में जहरीली शराब कांड की जांच आरडीसी स्तर से किये जाने की मांग को लेकर हंगामा किया, वहीं कांग्रेस विधायकों ने जनजातीय लोगों की सुरक्षा की मांग को लेकर नारेबाजी की. इस कारण विधानसभा अध्यक्ष सुरमा पाढ़ी ने सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित की. इसकी वहज से प्रश्नकाल सहित अन्य कार्यक्रम नहीं हो सके. पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक बुधवार सुबह 10.30 बजे सदन का काम शुरू हुआ. विधानसभा अध्यक्ष सूरमा पाढ़ी प्रश्नकाल कार्यक्रम शुरू करना चाहती थीं. तभी बीजद और कांग्रेस के विधायक हंगामा व नारेबाजी करने लगे. गंजाम जिले में जहरीली शराब से हुई मौत की आरडीसी जांच की मांग को लेकर बीजद विधायकों ने नारेबाजी की. इस हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गयी है और 14 अन्य को जहरीली शराब पीने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया है. हंगामा कर रहे विधायकों से विधानसभा अध्यक्ष ने बार-बार अपनी-अपनी सीटों पर जाने और सदन के कामकाज में सहयोग करने का अनुरोध किया. उनके इस अनुरोध का विपक्षी विधायकों पर कोई असर नहीं दिखा, वे हंगामा करते रहे. विधानसभा अध्यक्ष ने गतिरोध को समाप्त करने के लिए पहले सदन को एक घंटे के लिए स्थगित कर दिया. एक घंटे बाद सदन की कार्यवाही जब पुनः प्रारंभ हुई, तब भी समान स्थिति देखने को मिली. इस कारण विधानसभा अध्यक्ष ने सदन को शाम के चार बजे तक स्थगित करने की घोषणा की.
कांग्रेस ने राजग को आदिवासी और दलित विरोधी करार दिया
कांग्रेस सदस्यों ने केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार को अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति के लिए आरक्षण के मुद्दे पर ‘आदिवासी और दलित विरोधी’ करार दिया. कांग्रेस विधायक दल के नेता रामचंद्र कदम ने सदन के बाहर संवाददाताओं से कहा कि क्रीमी लेयर के नाम पर अनुसूचित जनजातियों और अनुसूचित जातियों को आरक्षण से वंचित करने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार देश में वंचित लोगों के लिए आरक्षण खत्म करना चाहती है.
भाजपा सरकार राज्य में जहरीली शराब का प्रसार रोकने में विफल : प्रमिला मलिक
शराब त्रासदी पर बीजद की मुख्य सचेतक प्रमिला मलिक ने आरोप लगाया कि राज्य की भाजपा सरकार राज्य में जहरीली शराब के प्रसार को रोकने में विफल रही है. उन्होंने कहा कि वे अवैध शराब कारोबार के नियमन का आश्वासन देकर सत्ता में आये. हालांकि, शराब त्रासदी हुई, जहां एक व्यक्ति की मौत हो गयी और जहरीली देशी शराब पीने के बाद एक दर्जन से अधिक लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया. बीजद नेता ने सरकार से शराब त्रासदी पर अब तक की जांच के बारे में सदन को अवगत करने के लिए भी कहा. उन्होंने कहा कि हम जानना चाहते हैं कि शराब त्रासदी में कौन शामिल हैं. घटना की राजस्व संभागीय आयोग (आरडीसी) स्तर की जांच होनी चाहिए.
मोहन माझी सरकार को बदनाम करने का हो रहा प्रयास : भाजपा
भाजपा विधायक मनोरंजन सामंतरे ने बीजद के आरोपों को खारिज कर दिया और दावा किया कि लोगों ने जिस शराब व्यापारी से शराब पी थी, वह बीजद शासन के दौरान भी इलाके में सक्रिय था. उन्होंने कहा कि शराब से मौत के नाम पर राज्य की मोहन मांझी सरकार को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है.
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