भुवनेश्वर. लोकसभा और ओडिशा विधानसभा चुनावों से पहले रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेश उपाध्यक्ष लेखाश्री सामंतसिंहार पार्टी से इस्तीफा देकर सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) में शामिल हो गयीं. लेखाश्री भाजपा की ओडिशा इकाई की दूसरी उपाध्यक्ष हैं, जिन्होंने चुनाव के कुछ सप्ताह पहले पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. इससे पहले भृगु बक्शीपात्रा भी पार्टी छोड़कर बीजद में शामिल हो गये थे. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनमोहन सामल को लिखे अपने त्यागपत्र में लेखाश्री ने कहा कि नेतृत्व का विश्वास अर्जित करने में विफल होने के कारण उन्होंने भाजपा छोड़ने का फैसला किया है. लेखाश्री ने त्यागपत्र में कहा कि मैंने पिछले दस वर्षों से भारतीय जनता पार्टी के लिए अपना खून-पसीना बहाया है. लेकिन पूरी ईमानदारी और कड़ी मेहनत के बावजूद मैं नेतृत्व का विश्वास हासिल नहीं कर सकी. इसलिए मुझे लगता है कि यहां मेरे लिए करने के लिए कुछ नहीं बचा है और ओडिशा के लोगों की सेवा करने की मेरी इच्छा बाधित हो रही है. लेखाश्री रविवार को बीजू जनता दल के सांसदों मानस रंजन मंगराज और सस्मित पात्रा की मौजूदगी में बीजद में शामिल हुईं.
मुख्यमंत्री की विकास गतिविधियों से हूं प्रेरित, बीजद के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रयास करूंगी
बीजद के प्रदेश मुख्यालय ‘शंख भवन’ में पार्टी में शामिल होने के बाद लेखाश्री ने संवाददाताओं से कहा कि ऐसी पार्टी के लिए पसीना बहाने के बाद बदलाव करना मुश्किल है, जिसने मेरी मेहनत को नहीं पहचाना. मुझे स्वीकार करने के लिए मैं बीजद को धन्यवाद देती हूं. मैं मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की विकास गतिविधियों से प्रेरित हूं. मैं बीजद के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करूंगी. चूंकि बीजद ने अभी तक बालेश्वर लोकसभा सीट से अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं की है, इसलिए वह बालेश्वर लोकसभा सीट से टिकट के लिए प्रयास कर सकती हैं. बीजद ने 2019 में राज्य की 21 लोकसभा सीट में सात पर महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था. हालांकि इस बार पार्टी ने अब तक केवल छह महिलाओं को उम्मीदवार बनाया है.
पूर्व मंत्री गणेश्वर बेहेरा बीजद में शामिल
पिछले दिनों कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले पूर्व मंत्री गणेश्वर बेहेरा रविवार को बीजद में शामिल हो गये. शंख भवन में आयोजित एक मिलन पर्व में उन्होंने सत्तारूढ़ दल का दामन थामा. बीजद के विरष्ठ नेता प्रताप जेना, शशि भूषण बेहेरा और राज्यसभा सांसद सस्मित पात्रा ने उनका पार्टी में स्वागत किया. इससे पूर्व कांग्रेस से इस्तीफा देते हुए गणेश्वर बेहेरा ने कहा था कि वे केंद्रापड़ा के निवासियों के लिए कुछ करना चाहते थे. लेकिन अब अनुभव हो रहा है कि कांग्रेस में रहकर विधानसभा पहुंचना संभव नहीं है. उनको निर्वाचन कमेटी से निकाले जाने से उनके समर्थकों को आघात पहुंचा है.