Jharsuguda News: बूढ़ीपदर चौक से माराकुटा होकर पावर हाउस चौक को जोड़नेवाली सड़क जर्जर, लोग परेशान

Jharsuguda News: झारसुगुड़ा के बूढ़ीपदर चौक से माराकुटा होते हुए पावर हाउस चौक को जोड़ने वाले आरडी सड़क जर्जर है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 4, 2024 11:09 PM

Jharsuguda News: झारसुगुड़ा के बूढ़ीपदर चौक से माराकुटा होते हुए पावर हाउस चौक को जोड़ने वाले आरडी सड़क जर्जर है. गड्ढों से भरे इस मार्ग पर कारखानों के भारी वाहनों की भीड़ आम यात्रियों व गांव वालों के लिए काल साबित हो रही है. इस मार्ग में आये दिन छोटी-बड़ी दुर्घटनाएं हो रही हैं. जिससे लोग आवागमन करने से डरने लगे हैं. बूढ़ीपदर चौक से माराकुटा से होते हुए पावर हाउस को जोड़ने वाला यह चार किमी लंबा रास्ता छोटे-बड़े गड्ढों से भरा है. बूढ़ीपदर से पावर हाउस तक जाने का कोई ओर वैकल्पिक रास्ता नहीं होने से लोगों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है. झारसुगुड़ा बायपास रास्ता के निर्माण होने के पहले ब्रजराजनगर स्थित पेपर मिल के लिए बांस का परिवहन होता था. बाद में इस मार्ग के किनारे एक्शन इस्पात कारखाना की स्थापना होने के बाद इस पर भारी वाहनों की आवाजाही बहुत बढ़ गयी. जिससे यह रास्ता पूरी तरह से बर्बाद हो गया था. जिससे लोगों को आवागमन में भारी असुविधा होने का आरोप लगाये जाने के बाद 2016 में इस आरडी रास्ते की मरम्मत करायी गयी. वहीं इसी अंचल में दो वर्ष पूर्व ओडिशा मेटालिक्स कारखाना चालू हुआ, जिसके बाद से इस मार्ग पर भारी वाहनों की आवाजाही और बढ़ गयी. जिससे रास्ता पूरी तरह से बर्बाद हो गया. एक बार फिर से एक्शन इस्पात कारखाना के आरंभ होने से इस मार्ग पर भारी वाहनों का दबाव और बढ़ जायेगा. लिहाजा माराकुटा की सरपंच लीली तांती ने इस रास्ता की मरम्मत कि मांग की है.

सड़क निर्माण में रैयती जमीन है बाधक

बूढ़ीपदर चौक से माराकुटा को जोड़ने वाले रास्ते के बीच में दो परिवार कि रैयती जमीन है. उनकी सहमति से ही पूर्व में रास्ते की मरम्मत की गयी थी.कुल मिलाकर सरकारी नियमानुसार, पूरे रास्ते के निर्माण में रैयती जमीन बाधक बन रही है. इस संबंध में जल्द ही जिलाधीश से मिल कर उक्त रास्ते के निर्माण के लिए उनका ध्यानाकर्षण कराया जायेगा. उक्त मार्ग पर माराकुटा, जमेरा व बड़माल पंचायत के हजारों लोग निर्भर हैं. अंचलवासियों ने चेतावनी दी है कि अगर प्रशासन रास्ते के निर्माण के लिए जल्द कोई कदम नहीं उठाता है, तो आंदोलन का मार्ग अपनाना पड़ेगा.

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