राउरकेला स्टील प्लांट में मान्यता प्राप्त यूनियन के चुनाव का बजा बिगुल

आरआइकेकेएस की ओर से प्रदर्शन किये जाने के बाद आखिरकार आरएसपी में मान्यता प्राप्त यूनियन के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हुई है. उप मुख्य श्रमायुक्त कार्यालय (भुवनेश्वर) ने आरएसपी की सभी ट्रेड यूनियनों को इस बारे में सूचित कर दिया है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 6, 2024 12:06 AM

राउरकेला. राउरकेला स्टील प्लांट (आरएसपी) का पिछला यूनियन मान्यता चुनाव 15 नवंबर, 2021 को हुआ था. इसमें राउरकेला श्रमिक संघ (आरएसएस) तथा गांगपुर मजदूर मंच (जीएमएम) ने मिलकर चुनाव लड़ा था तथा जीत हासिल की है. गत 11 मार्च को इस मान्यता प्राप्त यूनियन का कार्यकाल खत्म हो चुका है. तभी से ही बीएमएस संबद्ध राउरकेला इस्पात कारखाना कर्मचारी संघ (आरआइकेकेएस) चुनाव कराने की मांग कर रहा है. जिसमें शाेभायात्रा निकालकर उच्चाधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराया गया था. इसके बाद आखिरकार चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. उप मुख्य श्रम आयुक्त (भुवनेश्वर) कार्यालय ने आरएसपी की सभी ट्रेड यूनियनों को इस बारे में सूचित कर दिया है.

श्रमिक संगठन हरकत में आये

वहीं शनिवार को उप मुख्य श्रमायुक्त कार्यालय से पत्र मिलने के बाद श्रमिक संगठन फिर से हरकत में आ गये हैं. उप मुख्य श्रमायुक्त के निर्देशानुसार सभी श्रमिक संघ अपने-अपने अध्यक्ष एवं महासचिव के चुनाव के लिए संगठन के संविधान के साथ सहमति पत्र जारी करेंगे. अगले 15 मई तक ब्योरा जमा करने के स्पष्ट निर्देश हैं. वैसे विगत दिनों में आरएसपी में मान्यता चुनाव को लेकर विभिन्न श्रमिक संगठनों के कोर्ट जाने का उदाहरण है. जिससे आने वाले दिनों में यह साफ हो जायेगा कि क्या इस बार भी इसे दोहराया जायेगा या यह यूनियनें आपसी सहमति से चुनाव कराने के लिए मान जायेंगी. गौरतलब है कि 2021 के चुनाव के दौरान आरएसपी में 11,653 श्रमिक मतदाता थे, लेकिन अब यह संख्या घट गयी है. वर्तमान में यहां 9850 से अधिक मतदाता होने की सूचना है.

इस्पात कारखाना कर्मचारी संघ ने किया स्वागत

बीएमएस संबद्ध राउरकेला इस्पात कारखाना कर्मचारी संघ ने चुनाव प्रक्रिया शुरू होने का स्वागत किया गया है. इसे लेकर प्रेस में जारी बयान में कहा गया है कि 11 मार्च को मान्यता प्राप्त संगठन का कार्यकाल समाप्त होने से पहले संगठन ने आठ फरवरी को चुनाव के लिए भारत सरकार के मुख्य श्रम आयुक्त से संपर्क किया था. फिर समाप्ति तिथि 11 मार्च को उन्होंने जुलूस निकालकर स्थानीय विभागीय अधिकारी को मांग पत्र सौंपा. बीएमएस का आरोप है कि तमाम वादे कर पिछला चुनाव जीतने वाली यूनियन एक भी वादा पूरा नहीं कर सकी. मान्यता प्राप्त यूनियन की लापरवाही के कारण अब सेवानिवृत्त कर्मियों को करीब 13 लाख रुपये की ग्रेच्युटी और एरियर का नुकसान हुआ है. वहीं बीएमएस ने दावा किया है कि श्रमिक समाज की विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए राउरकेला इस्पात कारखाना कर्मचारी संघ ही एकमात्र विकल्प है.

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