Bhubaneswar News: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) ने कथित रिश्वतखोरी मामले की जांच के तहत ओडिशा कैडर के वरिष्ठ आइएएस अधिकारी विष्णुपद सेठी को तलब किया और उनके चालकों से पूछताछ की. आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी. आइएएस अधिकारी के दो चालक सीबीआइ के सामने भुवनेश्वर स्थित कार्यालय में पेश हुए और अपने बयान दर्ज कराये. वे शनिवार सुबह 10:30 बजे से करीब तीन घंटे तक सीबीआइ कार्यालय में रहे.
मामले में व्यक्तिगत रूप से मेरी कोई संलिप्तता नहीं : चालक
चालकों में से एक नृसिंह सतपथी ने यहां सीबीआइ कार्यालय से बाहर आने के बाद संवाददाताओं से कहा कि मुझसे सर (सेठी) की गतिविधियों के बारे में पूछा गया कि वह सात दिसंबर को किससे मिले और किन स्थानों पर गये. मुझे जो कुछ भी पता था मैंने बता दिया. सीबीआइ की जांच वाले किसी भी मामले में व्यक्तिगत रूप से मेरी कोई संलिप्तता नहीं है. यह पूछे जाने पर कि क्या उनके बैंक खाते में कोई धनराशि आयी है, सतपथी ने ‘नहीं’ में उत्तर दिया. उन्होंने दावा किया कि मुझे किसी भी कंपनी या व्यक्ति से कोई पैसा नहीं मिला है. सतपथी ने कहा कि वह अनुसूचित जनजाति-अनुसूचित जाति विकास, अल्पसंख्यक और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग में चालक के रूप में काम करते थे, जिसके प्रधान सचिव सेठी हैं. सेठी के पास सामाजिक सुरक्षा एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के प्रधान सचिव का अतिरिक्त प्रभार भी है. सूत्रों ने बताया कि सेठी का वाहन चलाने वाले दोनों विभागों के चालकों को सीबीआइ ने तलब किया.
सीबीआइ के भुवनेश्वर कार्यालय में 11 दिसंबर को पेश होने के लिए कहा गया था
सीबीआइ निरीक्षक गुरजिंदर सिंह ने 10 दिसंबर को भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस) के अधिकारी को लिखे पत्र में कहा कि पता चला है कि आप इस मामले के कुछ महत्वपूर्ण और प्रासंगिक तथ्यों व परिस्थितियों से परिचित हैं, जिनके बारे में आपसे पूछताछ की जरूरत है. सूत्रों ने बताया कि सेठी को 11 दिसंबर को सीबीआइ के भुवनेश्वर कार्यालय में पेश होने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने अपने वकीलों के माध्यम से और समय मांगा है. सेठी की ओर से इस मामले पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है. निर्धारित तिथि पर सेठी के उपस्थित न होने के बीच एजेंसी ने राज्य सरकार से उन सभी वाहन चालकों की सूची और विवरण मांगा है, जिन्होंने पिछले छह वर्षों में आइएएस अधिकारी के अधीन काम किया है.
ब्रिज एंड रूफ कंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड से जुड़ा है मामला
जांच एजेंसी का यह कदम ब्रिज एंड रूफ कंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड, भुवनेश्वर के समूह महाप्रबंधक चंचल मुखर्जी और अन्य आरोपियों से जुड़े रिश्वतखोरी मामले में जारी जांच से जुड़ा है. सीबीआइ ने कथित रिश्वतखोरी मामले में इस महीने की शुरुआत में मुखर्जी और दो ठेकेदारों संतोष महाराणा तथा देबदत्त महापात्रा को भुवनेश्वर में एक होटल के पास से गिरफ्तार किया था. मुखर्जी को एक ठेकेदार से 10 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, जबकि दूसरा ठेकेदार रिश्वत लेने में मदद कर रहा था. सीबीआइ ने कहा कि यह पैसा काम के ऑर्डर देने और बिल मंजूरी देने के लिए लिया गया था.
भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति का अनुसरण करेगी राज्य सरकार : मंत्री
इस बीच, ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा कि राज्य सरकार को आइएएस अधिकारी को सीबीआइ द्वारा समन भेजे जाने की जानकारी है. कानून मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति का अनुसरण करती है. अगर किसी संबंध का पता चला, तो अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी. उच्च शिक्षा मंत्री सूर्यवंशी सूरज ने कहा कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है, चाहे वह आइएएस अधिकारी हो या पंचायत का चपरासी. कानून सभी के लिए समान है.
सीबीआइ को निष्पक्षता से अपना कर्तव्य निभाना चाहिए : बीजद
वरिष्ठ बीजद नेता और विधानसभा में पार्टी के उपनेता प्रसन्ना आचार्य ने कहा कि सीबीआइ को निष्पक्षता से अपना कर्तव्य निभाना चाहिए. उन्होंने कहा कि यदि कोई भ्रष्टाचार में लिप्त है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. हम चाहते हैं कि सीबीआइ निष्पक्ष हो. पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता श्रीकांत जेना ने कहा कि अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. सीबीआइ के पास अधिकारी को समन जारी करने के लिए कुछ सबूत हो सकते हैं. हमें इंतजार करना चाहिए और देखना चाहिए.
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