राउरकेला, राजी पाड़हा सरना प्रार्थना सभा की ओर से प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी इतिहास के पन्नों में दर्ज उरांव समाज की वीरांगनाओं की विजय दिवस को याद करने के लिये धूमधाम से जेष्ठ जातरा मनाया गया. उदितनगर स्थित सरना पूजा स्थल पर आयोजित इस समारोह में वीर वीरांगनाओं की वीरता पर प्रकाश डालने के साथ उनकी जीवनी से प्रेरणा लेकर काम करने का आह्वान किया गया. इस अवसर पर पारंपरिक नृत्य संगीत भी आकर्षण का केंद्र रहा. विदित हो कि इतिहास के पन्नों में उरांव समाज की वीरांगनाओं की वीरता की कहानी को स्थान मिला है. इसके अनुसार रोहतासगढ़ में उरांव जनजाति का राज चलने के दौरान एक बार शत्रुओं ने हमला किया था. उस दौरान उरांव समाज की वीरांगना रानी सीनगी दाई, कुइली दाई, चंपू दाई ने पुरुषों के वेश में युद्ध की मैदान में उतरी थी तथा शत्रुओं के दांत खट्टे कर दिये थे. तभी से उनकी वीरता को नमन करने के लिये प्रत्येक वर्ष राजी पाड़हा प्रार्थना सभा की ओर से विजय उत्सव के ताैर पर जेष्ठ जातरा मनाया जाता है. इसके तहत मंगलवार को भी उदितनगर स्थित सरना पूजा स्थल पर विजय उत्सव के तौर पर जेष्ठ जातरा का आयोजन किया गया. यह पावन कार्यक्रम राजी पाड़हा सरना प्रार्थना सभा की अध्यक्ष झरियो केरकेट्टा के प्रत्यक्ष तत्वावधान में किया गया. इसमें बड़ी संख्या में सरना धर्मावलंबी जुटे थे.
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