Rourkela News: कार्तिक के पवित्र माह में लोग नॉनवेज नहीं खाते हैं. पूरे माह लोग लहसुन-प्याज का सेवन करने से भी बचते हैं. शुक्रवार को कार्तिक पूर्णिमा के साथ ही इस पवित्र माह का समापन हो गया है. ओडिया समाज में कार्तिक माह समाप्त होने के बाद छाड़खाई का रिवाज है. इसमें नॉनवेज का सेवन किया जाता है. मांसाहारी व्यंजनों में लहसुन व प्याज का इस्तेमाल भारी मात्रा में किया जाता है. इधर, बाजार में लहसुन और प्याज की कीमतें बढ़ी हुई हैं, जिससे लोगों की जेब पर असर पड़ने की संभावना है. शहर के बाजारों में प्याज 70, तो लहसुन 400 रुपये किलो बेचा जा रहा है. दुकानदारों का कहना है कि यह आज का मूल्य है. रविवार को दर क्या रहेगी, कहना मुश्किल है. दरअसल कार्तिक पूर्णिमा के अगले दिन छाड़खाई मनायी जाती है. लेकिन इस साल शनिवार और संक्रांति होने के कारण छाड़खाई रविवार को मनायी जायेगी. जिसके लिए तैयारी अब शुरू हो गयी है. बाजारों में प्याज-लहसून खरीदने के लिए ग्राहक जुट रहे हैं.
कार्तिक माह में बिक्री कम होने के बाद भी नहीं घटे दाम
कार्तिक महीने में लोग प्याज-लहसुन खाने से परहेज करते हैं. इस पूरे माह इनका इस्तेमाल नहीं के बराबर होता है. इसके बाद भी दरों में किसी प्रकार की कमी नहीं आयी. वहीं अब छाड़खाई को देखते हुए बाजार में इसकी कीमतों में उछाल आने की संभावना है.
चिकन, मटन व मछली की दुकानों में आज उमड़ेंगे ग्राहक
कार्तिक माह के अगले दिन इस साल शनिवार और संक्रांति होने के कारण छाड़खाई रविवार को मनायी जा रही है. लिहाजा रविवार की सुबह से ही चिकन, मटन और मछली की दुकानों में ग्राहकों की भीड़ जुटने की संभावना है. पूरे महीने व्यावसायिक मंदी से जूझ रहे इन दुकानदारों को रविवार के दिन अच्छे व्यवसाय की उम्मीद है. लिहाजा तैयारी उसी तरह से की गयी है. रविवार तड़के ही मटन की दुकानों पर लोगों की भीड़ जुटती है, इसलिए रात से ही तैयारियां की जा रही हैं. वहीं चिकन और मछली का स्टॉक भी भरपूर रखा गया है. दुकान पर ग्राहकों की भीड़ जुटेगी, इसलिए कामगारों की संख्या भी बढ़ायी गयी है, ताकि ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों की मांग पूरी की जा सके.
कार्तिक व्रत खत्म होने के बाद शाकाहारियों को मामूली राहत
पवित्र कार्तिक महीना का व्रत खत्म होने के बाद शहर में हरी सब्जियों की कीमतें कुछ हद तक कम हुई हैं. टमाटर, शिमला मिर्च, फूलगोभी की कीमतों में जहां गिरावट आयी है, वहीं अन्य सब्जियां अभी भी महंगी ही बिक रही हैं. जिस कारण अब भी आम लोगों की जेब ढीली हो रही है. हरी सब्जियों का दाम कम होने से शाकाहारियों को थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है.
सब्जियों की कीमत (रुपये प्रति किलो) :
परवल-50, बरबट्टी-40, मूली-30, भिंडी-60, खीरा-30, ग्वारफली-60, फूलगोभी-60, टमाटर-60, शिमला मिर्च-100, बैंगन-60, पत्ता गोभी-40, कुंदरु-60, बीन्स-80, हरा धनिया-300, हरी मिर्च-120.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है