Rourkela News: आरएसपी में नवनिर्मित कोक ओवन बैटरी नंबर-2 का हुआ उद्घाटन
Rourkela News: आरएसपी में पुनर्निर्मित कोक ओवन बैटरी नंबर-2 का उद्घाटन निदेशक प्रभारी ने किया. इससे हॉट मेटल उत्पादन के लिए निर्बाध कोक आपूर्ति सुनिश्चित होगी.
Rourkela News: राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) में पुनर्निर्मित कोक ओवन बैटरी नंबर-2 का 15 नवंबर को उद्घाटन किया गया. आरएसपी के निदेशक प्रभारी अतनु भौमिक ने इसका अनावरण किया. इस अवसर पर मेकॉन के निदेशक (तकनीकी) अमित राज, मेकॉन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एस के वर्मा, कार्यपालक निदेशक (मानव संसाधन) सह अतिरिक्त प्रभार कार्यपालक निदेशक (परियोजनाएं), तरुण मिश्र, कार्यपालक निदेशक (वित्त एवं लेखा) एके बेहुरिया के साथ-साथ कई मुख्य महाप्रबंधक और विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.
आधुनिक, ऊर्जा-कुशल और पर्यावरण के अनुकूल है बैटरी नंबर-2
नवनिर्मित कोक ओवन बैटरी नंबर-2 एक आधुनिक, ऊर्जा-कुशल और पर्यावरण के अनुकूल सुविधा है, जिसे पुरानी बैटरी के स्थान पर बनाया गया है. इसमें 70 ओवन हैं, जिन्हें 2 ब्लॉकों में विभाजित किया गया है, जिसमें स्थिरीकरण के बाद प्रति दिन 93 पुश की अधिकतम क्षमता है. इस सुविधा में 0.53 एमटीपीए का सूखा कोयला थ्रूपुट होगा और 0.363 एमटीपीए बीएफ ग्रेड कोक का उत्पादन होगा, जिससे हॉट मेटल उत्पादन के लिए निर्बाध कोक आपूर्ति सुनिश्चित होगी. इस परियोजना में लगभग 13,000 टन रिफ्रैक्टरी ईंटों का उपयोग शामिल था. सुविधा की अन्य प्रमुख विशेषताओं में उन्नत पर्यावरण संरक्षण उपकरणों की स्थापना शामिल है, जैसे ऑन-मैन चार्जिंग सिस्टम, मुख्य डबल गैस संग्रहण, ग्रिट अरेस्टर, क्वेंचिंग टॉवर में वाष्प स्प्रे प्रणाली, गाइड कार में धूल दमन प्रणाली और एक हाइड्रो-जेट डोर क्लीनिंग प्रणाली. ये उपाय प्रदूषण को काफी कम करते हैं और कार्यस्थल के वातावरण को बढ़ाते हैं.
आरएसपी : नुआगांव ब्लॉक के 20 लोगों को मिला मशरूम की खेती का प्रशिक्षण
राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) के सीएसआर विभाग की ओर से पर्श्वांचल विकास संस्थान (आइपीडी) मशरूम की खेती का दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया. महाप्रबंधक (नगर इंजीनियरिंग) हर प्रसाद पटनायक ने समापन समारोह की अध्यक्षता की और प्रशिक्षुओं को प्रमाण पत्र सौंपा. नुआगांव ब्लॉक के बरईगोड़ा, काडबीबहाल, तुम्बापहाड़ और रामकाटा गांवों के स्वयं सहायता समूहों के 20 सदस्यों ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया. प्रशिक्षुओं को मशरूम की खेती के लिए सैद्धांतिक जानकारी, व्यावहारिक प्रदर्शन और व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया गया. प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा होने के बाद प्रत्येक प्रशिक्षु को अपने-अपने स्थानों पर खेती करने और दूसरों को इसके लिए प्रेरित करने के लिए स्व-निर्मित मशरूम उगाने का किट बैग और मशरूम के बीज की एक बोतल दी गयी.
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