Rourkela News: राउरकेला में 150 करोड़ की लागत से 500 परियोजनाओं का होगा काम : आशुतोष कुलकर्णी

Rourkela News: आरएमसी आयुक्त ने रविवार को पत्रकार वार्ता में नगर निगम की भविष्य की योजनाओं की दी जानकारी. बोले शहर का विकास पहला लक्ष्य है

By Prabhat Khabar News Desk | December 29, 2024 11:59 PM

Rourkela News: राउरकेला म्युनिसिपल कमिश्नर तथा एडीएम आशुतोष कुलकर्णी ने रविवार को राउरकेला महानगर निगम के कॉन्फ्रेंस हॉल में मीडियाकर्मियों से बात की. इस दौरान उन्होंने शहर में राउरकेला स्मार्ट सिटी और राउरकेला महानगर निगम द्वारा चल रही परियोजना के बारे में जानकारी साझा की. उन्होंने बताया कि शहर में छोटी-बड़ी सभी परियोजनाओं पर काम चल रहा है. राउरकेला महानगर निगम के 40 वार्डों में इस वर्ष का बजट करीब 104 करोड़ का एनुअल एक्शन प्लान किया क्या है, जिसमें सभी वार्ड में जूनियर इंजीनियर को रखा गया है और विभिन्न परियोजनाएं हैं. यह इसलिए जरूरी है क्योंकि कॉरपोरेशन का वार्षिक बजट करीब 200 करोड़ रहता है. जिसमें 50 प्रतिशत फंड सड़क, ड्रेन, स्ट्रीट लाइट, आंगनबाड़ी व अन्य मद में खर्च होता हैं. पिछले वर्ष का एक्शन प्लान कम था जिसमें से भी कुछ परियोजनाएं इसमें ली गयी हैं. आशा है कि इस साल 150 करोड़ रुपये से कम की परियोजनाएं नहीं होंगी. करीब 500 परियोजनाएं हैं. फर्टिलाइजर के नवकृष्णनगर में भी निगम की ओर से 50 से 60 लाख रुपये खर्च किये गये हैं.

प्रशासन का ध्यान शहर के चप्पे-चप्पे पर

श्री कुलकर्णी ने कहा कि आम जनता की शिकायत रहती है कि प्रशासन कुछ नहीं करता, लेकिन प्रशासन का ध्यान शहर के चप्पे-चप्पे पर है. प्रशासन सिर्फ सड़क और नाले ही नहीं, बल्कि बड़ी परियोजनाओं पर भी काम कर रहा है. शहर को किस तरह सुंदर बनाये रखना है, इस पर उनका पूरा ध्यान रहता है. लाखों रुपये खर्च कर तरह-तरह के उपकरण लगाये गये हैं, लेकिन चोर उस पर भी हाथ साफ कर लेते हैं, जैसे स्ट्रीट लाइट ,पानी का फव्वारा आदि. पुलिस से इस ओर ध्यान देने को कहा गया है.

जनसुनवाई में बस्तियों की समस्या व असुविधा से अवगत हुआ प्रशासन

फरवरी में अधिकतर प्रशासनिक अधिकारी व कर्मचारियों का फेरबदल हुआ है. चुनाव खत्म होने के बाद जून में काम शुरू हुआ. जुलाई में विभिन्न वार्डों में जनसुनवाई शुरू की गयी, क्योंकि बहुत से लोग कार्यालय नहीं पहुंच पाते. जुनसुनवाई में लोगों से खामियां जानने को मिलीं. जनसुनवाई का और एक फायदा यह भी है कि लोगों को भी महसूस हुआ कि प्रशासनिक अधिकारी और कर्मचारी उनके वार्ड में पहुंचकर स्थिति का जायजा ले रहे हैं. जुलाई और अगस्त में करीब 500 लोगों की शिकायतें हमें मिलीं. कई तरह की शिकायतों जैसे सेनिटेशन, इलेक्ट्रिक सेक्शन आदि का ऑनस्पॉट समाधान किया गया. वार्डों में जनसुनवाई कर समीक्षा करने के बाद उस वार्ड में क्या परियोजना और हो सकती है, जिससे शहरवासियों को उसका लाभ मिले, इस बारे में हमें जानकारी मिली.

जो महानगर में शामिल नहीं होना चाहते, उन वार्डों में भी निगम को ही करना है काम

आरएमसी आयुक्त ने कहा कि कुछ वार्ड नये हैं, जो महानगर में शामिल नहीं होना चाहते, लेकिन निगम मानता है कि वहां का काम निगम को ही करना है. जैसे वार्ड 1, 2, 3 झारतरंग, वेदव्यास के सिंहटोला, नदीतोला, गोपापाली, फरसाटोला, ब्राह्मणी तरंग अंचल. इस अंचल में समीक्षा करने के बाद मालूम हुआ कि वहां सड़क की जरूरत थी. इस अंचल में करीब दो करोड़ रुपये की लागत से नाला और सड़क का निर्माण कार्य चल रहा है. वहीं टीसीआइ से ईड्को तक दो किलोमीटर सड़क का काम 4.5 करोड़ की लागत से चल रहा है. इलेक्शन के समय कार्य थोड़ा धीमा हो गया था, लेकिन मॉनसून से पहले काम खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है.

प्राइमरी व अपर प्राइमरी स्कूल को भी विकसित करेगी निगम

सरकारी नियम के अनुसार प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूल का काम निगम करेगी. निगम के तहत 52 प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूल हैं. इनमें सुंदर टाइल्स, बेंच, लाइट, पेंटिंग, शौचालय, पीने के पानी समेत अन्य सुविधाएं हैं. वही स्मार्ट क्लास के लिए अच्छे बोर्ड होना आवश्यक है. इस वर्ष निगम सात स्कूल का काम ले रही है, जिसमें दो राउरकेला स्टील प्लांट अंचल में हैं और पांच निगम अंचल में. मालगोदाम के ऋषिकेश राय, बसंती विद्या पीठ, आदिवासी हरिजन स्कूल, गिरजाटोली और एक अन्य स्कूल पर निगम काम करेगी. इन पांचों स्कूल में नवीकरण नहीं होगा, क्योंकि ये सभी चार दशक पहले निर्माण हुए थे. अब उन सभी स्कूल को पूरी तरह ध्वस्त कर नये स्कूल का निर्माण किया जायेगा. अनुमान है कि एक स्कूल पर करीब 7 से 8 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसी तरह हर साल कुछ पुराने स्कूल को तोड़ कर नया बनाया जायेगा.

छेंड कॉलोनी में अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट का कम अंतिम चरण में

आरडीए की ओर से छेंड कॉलोनी में अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट का कम अंतिम चरण में है. अलॉटमेंट की प्रक्रिया जारी है. यह परियोजना पांच एकड़ जगह पर निर्माण की गयी है. जिसमें 3.5 एकड़ जगह हाउसिंग के लिए और दो एकड़ निजी काम के लिए. प्रधानमंत्री आवास योजना में करीब 350 स्क्वायर फीट के 500 फ्लैट बने हैं. दुकान और आंगनबाड़ी के लिए भी जगह है. इसमें सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, पानी , बिजली की सुविधा भी उपलब्ध करायी गयी है. इसमें सिविल टाउनशिप के मानटोला और छेंड के बीपीयूटी और विद्युत बस्ती के लोगों को अलॉटमेंट दिया गया है. 200 लोगों ने तो रुपये भी जमा करवा दिये हैं. फ्लैट की कीमत 1.5 लाख रुपये है. बस्ती वाले पहले 15 हजार रुपये जमा करके बाकी की रकम लोन मेला से ले सकते हैं. फरवरी 2025 तक सभी को फ्लैट में शिफ्ट किया जायेगा.

एयरपोर्ट व स्टेडियम के बीच बायो-वेस्ट प्लांट स्थानांतरित होगा

राउरकेला एयरपोर्ट व बिरसा मुंडा हॉकी स्टेडियम के बीच बीपीयूटी के पास खाली जमीन पर कचरा प्रबंधन के लिए बायो-वेस्ट प्लांट बनाया गया है. लेकिन यह एयरपोर्ट व स्टेडियम के पास होने से इसे स्थानांतरित किये जाने की योजना बनायी गयी थी. इसके लिए राजमार्ग के किनारे जमीन की तलाश की जा रही है. राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों से भी बातचीत की जा रही है. एनजीटी ने कचरा प्रबंधन को लेकर राज्य के सभी निगम को आगाह किया था. जिसमें राउरकेला महानगर निगम पहला है, जिसने दो लाख टन कचरा को बायोमाइनिंग कर राजगांगपुर के डालमियां सीमेंट प्लांट को दिया गया है. इसमें अब तक स्वच्छ भारत फंड से 10 से 12 करोड़ रुपये लाकर इस मद में खर्च किये गये हैं. यहां रोजाना करीब 110 टन कचरा लाकर डंपिंग किया जाता है.

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