Rourkela News : किरमिरा पंचायत समिति अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर बीजद समर्थित समिति सदस्यों एवं सरपंचों को असफलता हाथ लगी है. इसके लिए बीजद ने भाजपा शासित छत्तीसगढ़ राज्य की पुलिस से लेकर राज्य पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाया है. साथ ही अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से पहले वहां की पुलिस द्वारा समिति सदस्यों व सरपंचों को बलपूर्वक हिरासत में रखने के खिलाफ आगामी दिनों में आंदोलन चलाने की चेतावनी दी है. बीजद का कहना है कि अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान कर समिति अध्यक्ष कृष्णाप्रिया साहू काे हटाने लेकर बीजद समर्थित समिति सदस्य व सरपंच की पर्याप्त संख्या थी. लेकिन उन्हें समय पर ब्लाॅक कार्यालय ही नहीं पहुंचने दिया. छत्तीसगढ़ पुलिस ने बीजद समर्थित समिति व सरपंचों को सरायपाली में राेक लिया था. जिससे किरमिरा ब्लाॅक चेयरपर्सन कृष्णा प्रिय साहू अपनी गद्दी बचाने में सफल रहीं. विदित हो कि किरमिरा पंचायत समिति कार्यालय में ब्लाॅक अध्यक्ष के विरुद्ध में लाये गये अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए स्वतंत्र बैठक हाइकोर्ट के निर्देश पर जिलाधीश ने गत शुक्रवार को बुलायी थी. इसके पूर्व गुरुवार की रात को घटना ने नाटकीय मोड़ ले लिया. रात के करीब एक बजे छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले कि सरायपाली पुलिस थाना अन्तर्गत एक होटल में पूर्व विधायक दीपाली दास के भाई विशाल दास समेत 12 समिति व सरपंचों को रोककर रखा गया था. जिन्हें शुक्रवार को नोटिस देकर छोड़ा गया. जिससे यह समिति सदस्य व सरपंच मतदान करने के लिए नहीं पहुंच पाये तथा ब्लाॅक अध्यक्ष कृष्णप्रिया साहू की गद्दी बच गयी. लेकिन इन समिति सदस्य व सरपंचों ने सामूहिक इस्तीफा देने की चेतावनी दी है.
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